
फिर चर्चा में आया ये DSPImage Credit source: Facebook/Santosh Patel DSP
भारत में ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी थी और आज उनकी गिनती सफल लोगों में की जाती है. संतोष पटेल भी उन्हीं में से एक हैं. उनकी कहानी युवाओं को प्रेरित करती है कि अगर दिल से कुछ करने की ठान ली जाए तो इंसान उसे जरूर पूरा करके रहता है. मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के रहने वाले संतोष मध्य प्रदेश पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात हैं. उन्होंने बीते शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने अपने एक टीचर के बारे में बताया है कि उन्होंने उनकी एमटेक की पढ़ाई छुड़वा दी थी और उसी का नतीजा है कि वह आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं.
डीएसपी संतोष पटेल ने पोस्ट में अपने संघर्ष के बारे में भी बताया है कि कैसे पैसे उधार लेकर उन्होंने अपनी फीस भरी थी, लेकिन तीन सेमेस्टर के बाद एमटेक छोड़कर वह कविताएं लिखने लगे थे और साथ ही पीएससी की तैयारी भी करने लगे. उन्होंने अपने पोस्ट ने लिखा है, ‘अगर उस दिन ये सर एमटेक नहीं छुड़वाते तो शायद मैं कहीं प्राइवेट नौकरी की तलाश में घूम रहा होता, लेकिन आज जन सेवा करने का अवसर मिला तो इसके पीछे बहुत बड़ा हाथ मेरे सख्त व टाइट रवैये वाले प्रोफेसर सर का था’.
एमटेक छोड़ करने लगे थे कविताएं
संतोष ने आगे लिखा है, ‘गांव लौट आओ भैंस चराओग्रेजुएशन के बाद घर से दबाव आया कि अब हम पढ़ाई के लिए पैसे नहीं देंगे, तुम नौकरी करो और हमें पैसे दो. चूंकि इंजीनियरिंग की डिग्री तो मिल गई थी, लेकिन योग्य इंजीनियर नहीं बने थे. इसलिए दो साल और पढ़ने का मन बनाकर एमटेक करने इंदौर sgsits कॉलेज में एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया, लेकिन वहां गाइड के रूप में प्रोफेसर दीपक किलेदार सर मिले, जो पढ़ाई के प्रति सख्त और अनुशासन में बहुत कड़क थे. डेली बुलाकर पूछते थे जिससे मुझे पूरी क्लास के सामने शर्मसार होना पड़ता था’.
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अक्सर रहते हैं चर्चा में
डीएसपी संतोष पटेल अक्सर चर्चा में बने रहते हैं. उन्होंने एमपीपीएससी परीक्षा में 22वीं रैंक हासिल की थी और डीएसपी बने थे. उन्होंने केरोसिन लैंप की रोशनी में पढ़ाई की थी और यहां तक कि पेट भरने के लिए ईंटें तक उठाई थी. संतोष पटेल की शुरुआती पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई थी. उनकी शादी भी काफी चर्चा में रही थी. वह अपनी दुल्हनिया को साइकिल पर ही बिठाकर देवी पूजन के लिए ले आए थे.