ब्रिटेन ने जताया भारत पर भरोसा, व्यापारिक संबंध मजबूत करने के लिए की ये मांग

ब्रिटेन ने जताया भारत पर भरोसा, व्यापारिक संबंध मजबूत करने के लिए की ये मांग

भारत-ब्रिटेन के व्यापारिक सम्बन्ध

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने बुधवार को भारत की दो दिवसीय यात्रा की शुरुआत करते हुए कहा कि वे भारत के साथ हुए नए व्यापार समझौते को जल्द से जल्द लागू करना चाहते हैं. उनकी यह यात्रा व्यापार, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र के सौ से अधिक लीडर्स के साथ हो रही है. इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच बढ़ते हुए व्यापार को और बेहतर बनाना है.

भारत और ब्रिटेन ने जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इस समझौते के तहत कपड़ों, व्हिस्की, कारों सहित कई चीजों पर टैक्स घटाने और व्यापार के लिए बाजार आसान बनाने की बात हुई है. यह समझौता तीन साल से चली आ रही बातचीत के बाद मई में पूरी तरह तैयार हुआ था. खास बात यह है कि इस समझौते पर दोनों देशों ने 2040 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को 34 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है.

क्यों महत्वपूर्ण है ये डील?

रॉयटर्स की रिपोर्ट में बताया गया कि ब्रिटेन और भारत दुनिया की पांचवीं और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं. दोनों देशों के बीच इस व्यापारिक समझौते से आर्थिक सहयोग को काफी फायदा होगा. खासकर ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन की कोशिश है कि वह नए व्यापार समझौते कर अपने आर्थिक रिश्तों को मजबूत करे. बीपी, रोल्स-रॉयस और बीटी जैसी बड़ी कंपनियां भी इस समझौते को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं.

प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने मुंबई पहुंचते ही व्यापारिक प्रतिनिधियों से कहा कि यह समझौता दोनों देशों के लिए बहुत बड़े अवसर लेकर आएगा. उन्होंने अपनी टीम से कहा कि इस समझौते को जल्द लागू करना उनकी प्राथमिकता है ताकि व्यापारिक अवसर जल्दी से जल्दी लोगों तक पहुंच सकें.

दोनों देशों की बातचीत और भविष्य की योजनाएं

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्टारमर गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे. दोनों नेताओं ने इस समझौते को अगले साल के भीतर लागू करने की इच्छा जताई है. यह कदम दोनों देशों के बीच न केवल आर्थिक, बल्कि राजनीतिक रिश्तों को भी मजबूत करेगा. ब्रिटेन में व्यापारिक समुदाय भी इस समझौते को लेकर उत्साहित है. ब्रिटिश चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की प्रमुख शेवॉन हैविलैंड ने कहा है कि सरकार को व्यवसायों पर अधिक टैक्स लगाने से बचना चाहिए और भारत जैसे देशों के साथ मजबूत संबंध बनाकर विकास को आगे बढ़ाना चाहिए.

चुनौतियों के बीच ब्रिटेन की रणनीति

वर्तमान समय में वैश्विक व्यापार में कई चुनौतियां हैं, जैसे अमेरिकी टैरिफ विवाद. इन सबके बीच ब्रिटेन की यह पहल भारत के साथ व्यापार बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. सरकार का मानना है कि मुक्त व्यापार समझौते से ब्रिटेन वैश्विक व्यापार की जटिलताओं से निपट सकता है और अमेरिकी शुल्कों को भी कम करने की कोशिश करेगा.

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