‘बाइक दो नहीं तो सुसाइड…’, इंटर पास बेटे ने की जिद, पिता ने 3 लाख उधार लेकर खरीदा; 2 दिन बाद सड़क हादसे में मौत

'बाइक दो नहीं तो सुसाइड...', इंटर पास बेटे ने की जिद, पिता ने 3 लाख उधार लेकर खरीदा; 2 दिन बाद सड़क हादसे में मौत

सड़क हादसे में युवक की मौत.

क्या होगा जब आपको आपकी सबसे पसंदीदा चीज मिल जाए, लेकिन यही पसंदीदा चीज आपके लिए काल का कारण बन जाए. ऐसा ही एक मामला आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले से सामने आया है. यहां एक युवक ने दो दिन पहले ही तीन लाख रुपए की बाइक खरीदी थी, लेकिन यही बाइक उसकी मौत की वजह बन गई. युवक टिफिन लेकर लौट रहा था, लेकिन रास्ते में उसकी बाइक डिवाइडर से टकरा गई. आनन-फानन में लोग उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

बाइक लेने की जिद की

दरअसल, युवक का नाम नाम हरीश (19) था. हरीश ने हाल ही में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी. वह अपने परिवार का इकलौता बेटा था तो उसका लाड़-दुलार भी खूब था. इंटरमीडिएट करने के बाद हरीश ने माता-पिता पर अपने लिए बाइक खरीदने का दबाव डाला. हरीश ने कहा कि अगर बाइक नहीं खरीदी तो वह आत्महत्या कर लेगा. हरीश की इस धमकी से मां-बाप काफी डर गए. चूंकि परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी तो मां-बाप हरीश को बाइक न लेने के लिए कह रहे थे, लेकिन वह मान नहीं रहा था.

ऑटो ड्राइवर पिता ने 3 लाख कर्ज लिया

हरीश महारानीपेट का रहने वाला था. उसके श्रीनिवास ऑटो चलाकर किसी तरह परिवार का गुजर-बसर कर रहे थे. चूंकि हरीश के सभी दोस्तों के पास बाइक थी तो हरीश भी सालों से अपने माता-पिता पर नई बाइक खरीदने का दबाव बना रहा था. आर्थिक तंगी के बावजूद पिता श्रीनिवास ने तीन लाख रुपए उधार लेकर दशहरे के दिन हरीश के लिए एक नई बाइक खरीदी.

नई बाइक देखकर हरीश खुशी से उछल पड़ा. उसने अपनी बाइक अपने सभी दोस्तों को दिखाई और बहुत खुश हुआ, लेकिन यह खुशी हरीश के लिए दो दिन भी नहीं टिक पाई. बाइक खरीदने के दो दिन बाद ही उसकी एक सड़क हादसे में मौत हो गई.

डिवाइडर से टकरा गई बाइक

हरीश सुबह अपने दोस्त के साथ द्वारकानगर से टिफिन लेकर लौट रहा था. तभी हरीश की बाइक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. स्थानीय लोगों ने उसे देखा और अस्पताल ले गए, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. घटना की सूचना पाकर पहुंचे परिवार के लोग फूट-फूट कर रो पड़े.

माता-पिता ने कहा कि बेटा अभी छोटा था. हमने उसे बहुत समझाया कि बेटा बाइक अभी मत लो. थोड़ा बड़े हो जाओगे तो खरीद देंगे, लेकिन वह नहीं माना. उसने जिद की कि उसे बाइक चाहिए ही. नहीं तो वह आत्महत्या कर लेगा. इसी जिद की वजह से हमने उसे बाइक खरीद दी. आज यही बाइक उसकी मौत का कारण बनी.

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