
AI से सवाल करना पड़ा भारी Image Credit source: Social Media
आज के दौर में हम हर छोटी-बड़ी जानकारी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर निर्भर हो गए हैं. किसी सवाल का जवाब चाहिए हो या किसी समस्या का हल, बस कुछ सेकंड में AI हमारे सामने जवाब रख देता है. लेकिन यही तकनीक अगर समझदारी के बिना इस्तेमाल की जाए, तो यह मददगार नहीं बल्कि मुसीबत बन सकती है.
कई बार लोग स्मार्ट दिखने के चक्कर में ऐसी चीजें सर्च कर बैठते हैं, जो न सिर्फ गलत होती हैं बल्कि खतरनाक भी साबित हो सकती हैं. कुछ लोग तो यहां तक सोच लेते हैं कि क्यों न अपराध से जुड़ी बातें AI से पूछकर देखी जाएं — शायद कोई दिलचस्प जवाब मिल जाए. लेकिन ऐसी हरकतें कभी-कभी भारी पड़ जाती हैं.
कहां का है ये मामला?
ऐसी ही एक गलती अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य में रहने वाले 13 साल के छात्र ने कर दी, जो अब पछता रहा है. Yahoo न्यूज कनाडा की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला डेलैंड शहर के साउथवेस्टर्न मिडिल स्कूल का है. यहां सातवीं कक्षा के एक बच्चे ने क्लास के दौरान ChatGPT पर ऐसा सवाल टाइप किया, जिसने स्कूल और पुलिस दोनों को हिला दिया.
जैसे ही बच्चे ने वह सवाल डाला, स्कूल का डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम सक्रिय हो गया. यह सिस्टम खास तौर पर ऐसे संदेशों को पकड़ने के लिए लगाया गया है जो किसी तरह का खतरा पैदा कर सकते हैं या हिंसा से जुड़े हों. सिस्टम ने तुरंत स्कूल प्रशासन और पुलिस को अलर्ट भेज दिया. कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंच गई और जांच शुरू कर दी गई.
क्या था इरादा?
पूछताछ में सामने आया कि बच्चे का किसी को नुकसान पहुंचाने का इरादा नहीं था. उसने बताया कि वह तो बस अपने एक सहपाठी से मजाक कर रहा था, जो उसे परेशान करता था. उसने सोचा था कि ChatGPT पर कोई मजेदार जवाब मिल जाएगा और वह उस जवाब से अपने क्लासमेट को चिढ़ा देगा.
लेकिन मामला मजाक का नहीं था. पुलिस और स्कूल प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया. अधिकारियों का कहना था कि भले ही बच्चा मजाक कर रहा था, लेकिन इस तरह के संदेश संभावित खतरे की ओर इशारा करते हैं और इन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता. स्कूल में दर्जनों छात्र मौजूद थे, ऐसे में किसी भी अनहोनी की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता था.
क्या हुआ आखिर बच्चे के साथ?
इसके बाद पुलिस ने बच्चे को हिरासत में ले लिया और उसे स्थानीय बाल सुधार गृह भेज दिया गया. अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि उस पर क्या आरोप लगाए जाएंगे, क्योंकि जांच अभी जारी है. इस घटना ने न सिर्फ स्कूल प्रशासन बल्कि पूरे समुदाय को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बच्चों को तकनीक के इस्तेमाल के बारे में कितनी सतर्कता से सिखाया जाना चाहिए.
इस घटना के बाद शिक्षकों और माता-पिता के बीच यह चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर बच्चों को AI के सही और जिम्मेदार उपयोग की समझ कैसे दी जाए. कई विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूलों में अब डिजिटल जिम्मेदारी को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहिए, ताकि बच्चे जान सकें कि ऑनलाइन क्या करना उचित है और क्या नहीं.