
लखनऊ में पकड़ा गया सॉल्वर गैंगग (सांकेतिक फोटो)Image Credit source: Getty image
IBPS Clerk Exam 2025: बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) क्लर्क एग्जाम 2025 में सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ हुआ है. लखनऊ में यूपी पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो सभी सॉल्वर गैंग के सदस्य हैं. सॉल्वर गैंग असली अभ्यर्थी जगह नकली अभ्यर्थियों को एग्जाम में बैठाता था. इसके एवज में असली अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूली जाती थी. ये गैंग बड़े ही शातिर तरीके से सक्रिय था.
आइए जानते हैं किआईबीपीएस क्लर्क परीक्षा 2025 कब आयोजित की गई है? सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ कैसे किया गया.
AI से 70 फीसदी तक बदल देता था फोटो
आईबीपीएस क्लर्क परीक्षा 2025 में पकड़ा गया सॉल्वर गैंग बेहद ही शातिर तरीके से सक्रिय था. वह असली की जगह नकली अथ्यर्थियों को एग्जाम में बैठाता था. इसके एवज में वह असली अभ्यर्थियों से पैसे वसूलता था. असली की जगह नकली अभ्यर्थियों को एग्जाम में बैठाने के लिए एडमिड कार्ड के फोटो को AI की मदद से बदला जाता था. AI की मदद से एडमिड कार्ड में असली अभ्यर्थी के चेहरे को तकरीबन 70 फीसदी तक नकली अभ्यर्थी के चेहर की तरह सामान रखा जाता था, जिससे नकली अभ्यर्थी आसानी से परीक्षा केंद्र में प्रवेश कर जाए.
21 नकली पहचान पत्र समेत 16 फोन बरामद
आईबीपीएस क्लर्क परीक्षा 2025 में पकड़े गए सॉल्वर गैंग की जानकारी देते हुएडीसीपी लखनऊ दक्षिण निपुण अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि बिजनौर पुलिस थाने की टीम ने सॉल्वर गैंक को पकड़ा है, जो मामले की जांच कर रही थी.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के पास से 16 मोबाइल फोन, 21 डुप्लीकेट पहचान पत्र, नौ आधार कार्ड, सात पेन ड्राइव, एक लैपटॉप, एक टैबलेट, तस्वीरें, फर्जी पहचान पत्र और ₹1.53 लाख नकद बरामद किए हैं. उन्होंने बताया कि 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.एक अन्य आरोपी अभिषेक कुमार को पहले भी बिहार के सीतामढ़ी से गिरफ्तार किया गया था. इस गैंग के अन्य सदस्यों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं.
ऐसे काम कर रहा था साॅल्वर गैंग
यूपी पुलिस में एडिशनल डीसीपी साउथ रल्लापल्ली वसंत कुमार ने बताया कि गैंग कई राज्यों में सक्रिय था. इसमें गैंग का मास्टरमाइंड आनंद कुमार ऐसे अभ्यर्थियों की तलाश करता था, जो परीक्षा में अपनी जगह नकली अभ्यर्थियों को बैठाना चाहते थे. उन्हाेंने बताया कि गैंग ‘मिक्सर ग्राइंडर’ वेबसाइट, ‘रेमिनी एआई’, ‘चैटजीपीटी’ और ‘फोटोर’ जैसे फोटो एडिटिंग और AI टूल्स का इस्तेमाल करता था. इन टूल्स के जरिए असली अभ्यर्थियों के फोटो नकली अभ्यर्थियों की तरह बनाए जाते थे.
प्रति अभ्यर्थी 5 लाख रुपये का वसूली
सॉल्वर गैंग प्रति अभ्यर्थी 5 लाख रुपये वसूलता था. पुलिस के अनुसार मास्टरमाइंड ने प्रति अभ्यर्थी से 2 लाख रुपये वसूले थे. इसके अतिरिक्ति प्रीलिम्स एग्जाम में बैठते वक्त 20 हजार रुपये मेन एग्जाम के समय 1 लाख रुपये और नौकरी के वक्त 2 लाख रुपये वसूले जाते थे. इस तरह सॉल्वर गैंग एक अभ्यर्थी से 5 लाख रुपये से अधिक वसूल रहा था.
10 हजार से अधिक पदों पर भर्ती
असल में4 और 5 अक्टूबर को आईबीपीएस का प्रीलिम्स एग्जाम आयोजित किया गया था. इस दौरान ही पुलिस ने सॉल्वर गैंग को पकड़ा है. अब 29 नवंबर को मेन एग्जाम होना है. आईबीपीएस क्लर्क परीक्षा 2025 का आयोजन 11 बैंकों में कस्टमर सर्विस एसोसिएट के 10,696 पदों पर भर्ती के लिए हो रहा है.
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