Karmanghat Temple: औरंगजेब ने इस हनुमान मंदिर में सुनी थी डरावनी आवाजें, सुनकर हो गया था बेहोश!

Karmanghat Temple: औरंगजेब ने इस हनुमान मंदिर में सुनी थी डरावनी आवाजें, सुनकर हो गया था बेहोश!

करमान घाट हनुमान मंदिर

Hyderabad Karmanghat Temple: भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है. यहां बड़े प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हैं. भारत में कई रसस्यमयी मंदिर है, जिनके रहस्य आज तक कोई नहीं जान पाया. भारत में एक ऐसा मंदिर भी है, जिसे देखते ही मुगल बादशाह औरंगजेब बहुत डर गया था और डर के मारे बेहोश हो गया था. ये मंदिर हनुमान जी का है. इसका नाम करमन घाट हनुमान मंदिर है. ये मंदिर तेलंगाना के हैदराबाद में स्थित है.

इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी के लगभग काकतीय वंश के राजा प्रताप रुद्र द्वितीय ने कराया था. मुगल बादशाह औरंगजेब ने साल 1687 में गोलकुंडा के किले पर कब्जा कर लिया और वहां के मंदिरों को ध्वस्त करने का अभियान शुरू किया. इसी दौरान वो हैदराबाद में बने इस हनुमान मंदिर में जा पहुंचा.

औरंगजेब ने दिया मंदिर गिराने का आदेश

इसके बाद औरंगजेब ने अपने सेनापति को इस मंदिर को गिराने का आदेश दिया. फिर सेनापति इस मंदिर को तोड़ने के लिए अपनी सेना के साथ आगे बढ़ने लगा. एक सैनिक ने जैसे ही इस मंदिर की दीवार पर वार किया तो वो वहीं खड़ा रह गया. मानो वो पत्थर का हो गया हो. इसके बाद एक बाद एक सैनिकों का हाल ऐसा ही हुआ. ये देख सेनापति घबराया और वापस बची हुई सेना के साथ औरंगजेब के पास जा पहुंचा.

सेनापति ने औरंगजेब को सारा घटनाक्रम बतया और मंदिर को न तोड़ने की सलाह दी. सलाह सुनकर औरंगजेब गुस्सा हो गया. उसने सेना की कमान अपने हाथों में ली और मंदिर को तोड़ने निकल पड़ा. मंदिर के पास पहुंचकर औरंगजेब ने सभी लोगों को मंदिर से बाहर निकलने की चेतावनी दी. इसके बाद हाथ में हथौड़ा लिए मंदिर की ओर बढ़ा.

कान के पर्दों को चीरती हुई निकल गई आवाज

फिर जैसे ही औरंगजेब ने मंदिर पर प्रहार करने के लिए हाथ उठाया, उसी समय उसे मंदिर के अंदर से भीषण गर्जन सुनाई पड़ी. वो आवाज इतनी तेज और भयानक थी कि कान के पर्दों को चीरती हुई निकल गई, जिसे सुनकर औरंगजेब मूर्ति की तरह खड़ा रह गया. उसने अपने दोनों कान बंद कर लिए, लेकिन आवाज और तेज हो गई. औरंगजेब घबराने लगा, तभी मंंदिर के अंदर से एक आवाज आई. कर मन घट. यानी अगर मंदिर को तोड़ना चाहते हो राजा तो पहले अपना दिल मजबूत कर लो.

पहले ही डरा हुआ औरंगजेब ये सुनते ही बेहोश हो गया. वहीं मंदिर के बाहर खड़े लोग ये समझ गए थे कि ये आवाज हनुमान जी की है. सभी ने उनको दंडवत प्रणाम किया. उधर बेहोश औरंगजेब को उसके सैनिक किले पर वापस ले गए.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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