
भारतीय मूल के अमोल कोहली
किस्मत और मेहनत जब साथ देते हैं तो फर्श से अर्श तक का सफर हकीकत बन जाता है. ऐसी ही एक हैरान कर देने वाली कहानी है भारतीय मूल के अमोल कोहली की, जिन्होंने अमेरिका में अपने संघर्ष के दिनों में जिस रेस्तरां में बर्तन मांजे, दो दशक बाद उसी के मालिक बनकर दुनिया को चौंका दिया है. 15 साल की उम्र में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जो लड़का एक रेस्तरां में टेबल साफ करता था, आज वह 250 रेस्तरां की एक विशाल श्रृंखला का मालिक है.
जेब खर्च के लिए धोई प्लेटें
यह कहानी साल 2003 से शुरू होती है. अमोल कोहली तब हाई स्कूल के एक साधारण छात्र थे और अमेरिका के एक लोकप्रिय रेस्तरां ‘फ्रेंडलीज’ (Friendlys) में पार्ट-टाइम काम करते थे. उनका मकसद अपनी पढ़ाई और छोटे-मोटे खर्चे निकालना था. उस दौर में उन्हें प्रति घंटे काम करने के लिए महज 5 डॉलर (आज के हिसाब से लगभग 400 रुपये) मिलते थे. काम भी कोई तय नहीं था. कभी उन्हें ग्राहकों की टेबल साफ करनी पड़ती, तो कभी किचन में जूठी प्लेटें धोनी पड़तीं. मैनेजर जो भी काम सौंपते, अमोल उसे पूरी लगन से पूरा करते थे. उन्होंने कभी किसी काम को छोटा नहीं समझा और यही उनकी सफलता की पहली सीढ़ी बनी.
वेटर से मालिक तक का सफर
दो दशक यानी बीस साल का समय बीत गया और आज वक्त ने ऐसी करवट ली है कि 37 वर्षीय अमोल कोहली उसी ‘फ्रेंडलीज’ रेस्तरां चेन के मालिक बन गए हैं. उनकी निवेश कंपनी ने न केवल फ्रेंडलीज का अधिग्रहण किया है, बल्कि उसकी पैरेंट कंपनी ‘ब्रिक्स होल्डिंग्स’ (BRIX Holdings) और उसके तहत आने वाले छह अन्य रेस्तरां ब्रांड्स को भी खरीद लिया है. हालांकि, यह सौदा कितने में हुआ है, इसकी आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि इसके लिए अमोल की कंपनी ने करोड़ों रुपये की एक बड़ी रकम चुकाई है.
रेस्तरां में काम करते हुए सीखे बिजनेस के गुर
अमोल की सफलता कोई रातों-रात मिली कामयाबी नहीं है, बल्कि इसके पीछे उनकी वर्षों की मेहनत और सीखने की ललक है. फ्रेंडलीज में काम करने के दौरान उन्होंने सिर्फ प्लेटें ही नहीं धोईं, बल्कि बिजनेस के हर छोटे-बड़े पहलू को बहुत करीब से देखा और समझा. उन्होंने ड्रेक्सेल यूनिवर्सिटी से फाइनेंस और मार्केटिंग में डिग्री हासिल की, लेकिन उनकी असली ट्रेनिंग उसी रेस्तरां के फ्लोर पर हुई. पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने व्यापार की हर बारीकी को आत्मसात कर लिया, जैसे कि बिजनेस का बीमा कैसे काम करता है, कर्मचारियों को काम पर रखने की लागत क्या होती है और खाद्य सामग्री के खर्च का प्रबंधन कैसे किया जाता है. यही जमीनी अनुभव उनकी सबसे बड़ी ताकत बना.
आज 250 रेस्तरां का विशाल साम्राज्य
अपनी निवेश कंपनी के जरिए अमोल ने फ्रेंडलीज के सभी 31 मौजूदा रेस्टोरेंट्स को खरीद लिया है. इसके अलावा, उनकी मिल्कियत में अब क्लीन जूस, ऑरेंज लीफ, रेड मैंगो, स्मूदी फैक्ट्री प्लस किचन, सूपर सलाद और हंबल डोनट जैसे लोकप्रिय ब्रांड भी शामिल हो गए हैं. इस तरह, अमोल कोहली आज अमेरिका में लगभग 250 रेस्तरां के मालिक बन चुके हैं.