
TV9 नेटवर्क के एमडी और सीईओ बरुण दास की नल्ली ग्रुप की वाइस चेयपर्सन लावण्या नल्ली से खास बातचीत
विरासत, नेतृत्व और आधुनिक भारतीय उद्यमिता की चुपचाप क्रांति को खूबसूरती से एक साथ पिरोने वाली एक बातचीत में, नल्ली ग्रुप की वाइस चेयपर्सन लावण्या नल्ली, टीवी9 नेटवर्क के एमडी और सीईओ बरुण दास के साथ Duologue NXT पर शामिल हुईं. प्रेरणादाई बातचीत का यह मंच विशिष्ट विचार और नेतृत्व की वो श्रृंखला है जो पारंपरिक कामयाबियों की कहानियों से आगे बढ़कर देश की उभरती पहचान को आकार देने वाले दिमागों की पड़ताल करती है.
पिछले 9 दशकों से भी अधिक समय से, ‘नल्ली’ भारत की रेशम विरासत की समृद्ध बुनाई का पर्याय रहा है. फिर भी, जैसा कि लावण्या बताती हैं कि इस फैमिली बिजनेस में उनकी एंट्री विरासत को संभालने के मकसद से नहीं बल्कि जिज्ञासा और शांत प्रतिरोध की वजह से हुई थी. Duologue NXT में लावण्या नल्ली के साथ खास बातचीत सिर्फ न्यूज9 पर, सोमवार (6 अक्टूबर) को रात 10:30 बजे प्रसारित किया गया. इसे डुओलॉग यूट्यूब चैनल और न्यूज9 प्लस ऐप पर देखा जा सकता है.
इस मंच से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिलाः लावण्या
इस घटनाक्रम पर विचार करते हुए, टीवी9 नेटवर्क के MD और CEO तथा होस्ट बरुण दास ने कहा, “लावण्या उन नई पीढ़ी के विरासत की अगुवाई करती हैं जो विरासत के नियमों को नए सिरे से लिख रही हैं. सबसे खास बात सिर्फ उनकी व्यावसायिक कुशलता ही नहीं, बल्कि परंपरा की आत्मा को खोए बिना उसे एक नया स्वरूप देने की उनकी बेमिसाल क्षमता है.”
Duologue NXT का हिस्सा बनने के अपने अनुभव को साझा करते हुए, लावण्या नल्ली ने कहा, “इस बातचीत ने वाकई मुझे नल्ली के साथ मिले प्लेटफॉर्म को समझने और उसे गहराई तक समझने में मेरी खासी मदद की. अब मैं और भी ज्यादा उत्साहित महसूस कर रही हूं. मेरे अंदर बहुत सारा राष्ट्रीय गौरव, ढेर सारी ललक और इसके बाद सीधे फैमिली बिजनेस में वापस जाने की प्रेरणा बनी हुई है. मैं कार्यक्रम के होस्ट का इस तरह की सभी भावनाओं को जगाने के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूं, .”
वह बताती हैं, “जब मैं 21 साल की उम्र में नल्ली ग्रुप में शामिल हुई, तब मेरा इकोनॉमिक्स या रिटेल सेक्टर का कोई बैकग्राउंड नहीं था. मैंने विनम्रता से इन सब चीजों को सहन किया.” लावण्या ने मुस्कुराते हुए बताया कि उस समय यह धारणा प्रचलित थी कि एक “अच्छी दक्षिण भारतीय लड़की” केवल शादी तक ही अपना समय बिता सकती है. “लेकिन यही सहनशीलता मेरी ट्रेनिंग का आधार बन गई, मुझे गलतियां करने की अनुमति मिली, और आगे चलकर यही आजादी मेरी सबसे बड़ी शिक्षक बन गई.”
बरुण दास के सवालों में जिज्ञासा और आलोचना का खास मिश्रण
बरुण दास ने जिज्ञासा और आलोचना के अपने खास मिश्रण के जरिए बातचीत को शानदार अंदाज में आगे बढ़ाया. उन्होंने उपभोक्ता मनोविज्ञान से लेकर लैंगिक विरासत के साथ-साथ शैक्षणिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर लावण्या को बातचीत के एक ऐसे वातावरण में पहुंचा दिया जो व्यक्तिगत और गहन चिंतनशील दोनों ही थे.
जैसे-जैसे बातचीत आगे बढ़ी, लावण्या ने बताया कि कैसे उन्होंने डेटा के साथ स्ट्रैटेजी को टाइमलेस क्रॉफ्टमैनशिप के साथ मिलाकर नल्ली के भविष्य को लेकर नई कल्पना गढ़ी. ई-कॉमर्स सेक्टर का नेतृत्व करने का उनका फैसला ट्रेंड की वजह से नहीं, बल्कि दृढ़ विश्वास से निकला था.
लावण्या ने बताया, “साल 2013 में, जब मैंने ई-कॉमर्स के बारे में गौर किया, तो कई पारंपरिक खुदरा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने इसे छूट का एक हथकंडा समझा. लेकिन मैंने उपभोक्ता के व्यवहार में बदलाव देखा. आप कोई चीज चाहे ऑनलाइन खरीदें या स्टोर से खरीदें, आप वही विश्वास और गुणवत्ता चाहते हैं. सुविधा तभी जीतेगी जब ब्रांड उस विश्वास को हासिल करेगा.”
Duologue NXT में एक घरेलू नाम को एक समकालीन, ग्लोबली लोकप्रिय ब्रांड में बदलने की नाजुक कला पर भी चर्चा हुई. जब उनसे पूछा गया कि क्या साड़ी, एक सांस्कृतिक प्रतीक, एक ग्लोबल फैशन स्टेटमेंट के रूप में विकसित हो सकती है, तो लावण्या का जवाब दृढ़, लेकिन कल्पनाशील था, हम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ चीजों को भारत की हर महिला तक क्यों नहीं पहुंचा सकते? हमारे लिए, यह कभी भी हाई मार्जिन के बारे में नहीं है, यह हाई इंटरग्रेटी को लेकर है. योग या आयुर्वेद की तरह, साड़ी का भी यूनिवर्सल आकर्षण है. लेकिन चुनौती यही है कि हम इसे दुनिया के सामने कैसे फिर से पेश करें.
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें पुरुषों के नेतृत्व वाले फैमिली बिजनेस में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा, तो लावण्या का जवाब संक्षिप्त लेकिन काफी असरदार था, “मुझे ऐहसास ही नहीं था कि मैं कोई संघर्ष लड़ रही हूं. मैंने बस वही किया जो मैं चाहती थी और अगर किसी को कोई समस्या थी, तो वह उनकी थी, मेरी नहीं.”