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Kartik Mass Ke Niyam: सनातन परंपरा में कार्तिक मास बहुत महत्वपूर्ण और विशेष माना गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास साल का आठवां महीना होता है. ये महीना बहुत ही पवित्र होता है. इसी महीने में भगवान श्री हरि विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं. इस साल कार्तिक मास का प्रारंभ आठ अक्टूबर से हो रहा है. इस माह में भगवान श्री हरि विष्णु और देवी लक्ष्मी की उपासना का बेहद महत्व है.
इससे जीवन की सारी परेशानियों से छुटकारा मिलता है. साथ ही जीवन में समृद्धि और शांति आती है. सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. हालांकि कार्तिक महीने को लेकर कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं. लोगों के मन में ये सवाल आता है कि क्या कार्तिक महीने में बाल और नाखून काटने चाहिए? तो आइए इस सवाल का जबाव जानते हैं. साथ ही जानते हैं कि इस माह में क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए?
नहीं काटने चाहिए बाल और नाखून
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास में बाल नहीं काटने या कटवाने चाहिए. साथ ही इस माह में नाखून काटना भी मना किया गया. इसके साथ-साथ इस माह में मांसाहार भी नहीं करना चाहिए. इस माह में पेड़ों को भी नहीं काटना चाहिए. कार्तिक माह में इन सब कामों को करने से पूजा-पाठ व्यर्थ हो जाता है और उसका फल प्राप्त नहीं होता.
कार्तिक मास में क्या नहीं करना चाहिए?
धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक के महीने में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए. हालांकि कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी (नरक चतुर्दशी) को शरीर पर तेल लगाना चाहिए. इसलिए इस माह शरीर पर तेल न लगाने की कोशिश करनी चाहिए. इस माह में मांसाहार के साथ-साथ उड़द की दाल, मूंग की दाल, मसूर की दाल, चने की दाल, मटर और मदिर का सेवन भी वर्जित माना गया है. इस महीने में बैंगन और करेला भी नहीं खाना चाहिए.
कार्तिक मास में क्या करना चाहिए?
कार्तिक माह में दान करना चाहिए. इस माह में तुलसी का बहुत महत्व बताया गया है. इस माह में नियमित रूप से तुलसी के सामने दीपक जलाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं. इस महीने में दीपदान करना चाहिए. पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए.
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