दातों में कैविटी होने पर कैसे लक्षण दिखते हैं, इसका क्या है इलाज, डॉक्टर से जानें

दातों में कैविटी होने पर कैसे लक्षण दिखते हैं, इसका क्या है इलाज, डॉक्टर से जानें

क्यों होती है दांतों में कैविटी? डॉक्टर से मिलना कब जरूरी?Image Credit source: Getty Images

दांत केवल खाने के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे पूरे स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं. स्वस्थ दांत खाने, बोलने और चेहरे की खूबसूरती बनाए रखने में मदद करते हैं. दांतों में कैविटी एक आम समस्या है, जिसे पथरी या दांत में सड़न भी कहा जाता है. यह मुख्य रूप से दांत की बाहरी परत यानी इनेमल में होने वाले छेद को कहते हैं. अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह धीरे-धीरे दांत की भीतरी परतों तक पहुंचकर दर्द और संक्रमण का कारण बन सकती है. बच्चों से लेकर एडल्ट तक सभी उम्र के लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं.

दांतों में कैविटी मुख्य रूप से दांतों को ठीक से साफ न करने और अधिक शुगर युक्त भोजन खाने की वजह से होती है. जब हम खाने के बाद दांतों को ठीक से साफ नहीं करते, तो उनमें भोजन के टुकड़े और बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं. ये बैक्टीरिया एसिड का निर्माण करते हैं, जो दांत की इनेमल परत को नुकसान पहुंचाकर छेद बना देता है. कैविटी का समय पर इलाज न किया जाए तो यह दांत में दर्द, सेंसिटिविटी, खाने-पीने में परेशानी, मसूड़ों की सूजन और गंभीर मामलों में दांत खोने का कारण बन सकती है. इसके अलावा, मुंह में संक्रमण बढ़ने से पूरे शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है.

डॉक्टर को कब दिखाना जरूरी है?

यशोदा अस्पताल में डेंटल विभाग में डॉ. अनमोल कुमार बताते हैं किदांतों में कैविटी के शुरुआती लक्षण अक्सर हल्के होते हैं, इसलिए इसे पहचानना मुश्किल हो सकता है. आम संकेतों में दांत में हल्का दर्द, सेंसिटिविटी, ठंडा या गरम खाने-पीने पर झनझनाहट, मसूड़ों में सूजन और दांतों का पीला या काला पड़ना शामिल हैं. कई बार कैविटी बिना किसी दर्द के भी बढ़ सकती है, इसलिए केवल दर्द पर ध्यान देना पर्याप्त नहीं है.

डेंटिस्ट से संपर्क करना तब जरूरी है जब दांत में लगातार दर्द या सेंसिटिविटी हो, मसूड़े लाल या सूजे हुए हों, दांत में छेद दिखाई दे या दांत ढीले या टूटने लगें. कैविटी अपने आप ठीक नहीं होती और समय पर इलाज न करने पर दांत पूरी तरह खराब हो सकते हैं. डेंटिस्ट कैविटी को भरकर या अन्य उपचारों के माध्यम से ठीक कर सकते हैं. इसलिए किसी भी लक्षण पर जल्दी डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, ताकि दांत सुरक्षित रहें और गंभीर समस्या से बचा जा सके.

दांतों की सेहत का ऐसे रखें ध्यान

दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें और माउथवॉश का इस्तेमाल करें.

मीठे और कार्बोहाइड्रेट वाली खाने की चीजों का सेवन सीमित करें.

समय-समय पर डेंटिस्ट से चेकअप कराएं.

दांतों को मजबूत रखने के लिए फलों और हरी सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें.

दांतों में दर्द, सेंसिटिविटी या मसूड़ों में सूजन होने पर तुरंत डेंटिस्ट से संपर्क करें.

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