साल 2025 का आगाज होने वाला है. रात के 12 बजते ही 2024 की विदाई हो जाएगी और नए साल की शुरुआत होगी. पूरी दुनिया में नए साल के स्वागत के लिए जमकर तैयारियां की जा रही हैं. हर कोई अपने-अपने अंदाज में नए साल का वेलकम करने में जुटा है. अलग-अलग टाइम जोन के कारण विभिन्न देश अलग-अलग समय पर नए साल का स्वागत करते हैं. लगभग 40 देश ऐसे हैं जो भारत से पहले नया साल मनाते हैं.
कहां सबसे पहले मनाते हैं नया साल?
दुनिया में नए साल का जश्न सबसे पहले किरीटीमाटी द्वीप में मनाया जाता है. इसे क्रिसमस द्वीप के रूप में भी जाना जाता है. यह प्रशांत महासागर का एटोल और किरिबाती गणराज्य का हिस्सा है. यहां का समय भारत से 7.30 आगे है. यानी भारत में जब 3.30 बजता है तो यहां पर 12 बजता है.
किरीटीमाटी द्वीप के बाद, न्यूजीलैंड के टोंगा और चैथम द्वीप नए साल का स्वागत करते हैं. वहीं नया साल सबसे अंत में दक्षिण प्रशांत में किरिबाती के दक्षिण-पश्चिम में अमेरिकी समोआ और नीयू द्वीपों में मनाया जाता है.
इसके अलावा, एक समय था जब समोआ (अमेरिकी समोआ नहीं) नए साल का जश्न मनाने वाले अंतिम देशों में से एक था. 2011 में चीजें बदल गई, जब देश ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ तालमेल बिठाने के लिए समय क्षेत्र (टाइम जोन) बदल दिया. अब समोआ जश्न मनाने वाले पहले देशों में से एक है.
41 देशों में भारत से पहले मनाया जाता नया साल
दुनिया भर में अलग-अलग टाइम जोन के कारण ऐसे कई देश हैं जो इस श्रेणी में आते हैं. 41 देश ऐसे हैं जो भारत से पहले नया साल मनाते हैं. इनमें किरिबाती, समोआ और टोंगा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, रूस के कुछ हिस्से, म्यांमार, जापान और इंडोनेशिया हैं.