
पहले ही दिन टाटा कैपिटल के आईपीओ काफी ठंडा रिस्पांस मिला है.
देश के सबसे बड़े आईपीओ Tata Capital IPO को पहले दिन ठंडा रिस्पांस मिला. सबसे ज्यादा निराश रिटेल निवेशकों ने किया, जिन्होंने 50 फीसदी से कम बोलिया लगाई. क्यूआईबी का आंकड़ा 50 फीसदी से ज्ययादा देखने को मिला. वैसे कंपनी एंकर निवेशकों को पहले ही 4600 करोड़ रुपए से ज्यादा जुटा चुकी है. जानकारों की मानें तो आईपीओ को सब्सक्राइब करने के लिए अभी दो दिन का समय बाकी है. वहीं दूसरी ओर 7 अक्टूबर यानी मंगलवार से एलजी इलेक्ट्रोनिक्स इंडिया का आईपीओ लॉन्च हो रहा है. जिसका साइज 11 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का है. ऐसे में टाटा कैपिटल आईपीओ को बड़ी चुनौती मिल सकती है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर टाटा कैपिटल के आईपीओ तमाम कैटेगरीज से किस तरह का रिस्पांस मिला है.
आईपीओ को मिला ठंडा रिस्पांस
नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी टाटा कैपिटल लिमिटेड के आईपीओ को सोमवार को बोली के पहले दिन 39 फीसदी बोलियां मिलीं. जिसे टाटा ग्रुप के लिहाज से काफी ठंडा रिस्पांस कहा जा सकता है. एनएसई पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, आईपीओ में 33,34,36,996 शेयरों के मुकाबले 12,86,08,916 शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं. पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के मामले में 52 प्रतिशत अभिदान प्राप्त हुआ, जबकि खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (आरआईआई) की श्रेणी को 35 प्रतिशत बोलियां मिलीं. गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए निर्धारित हिस्से को 29 प्रतिशत अभिदान प्राप्त हुआ. टाटा कैपिटल ने शुक्रवार को 68 घरेलू और वैश्विक संस्थागत निवेशकों से 4,642 करोड़ रुपये जुटाए.
8 अक्टूबर तक निवेश का मौका
कंपनी का 15,512 करोड़ रुपये का सार्वजनिक निर्गम आठ अक्टूबर को समाप्त होगा और इसकी मूल्य सीमा 310-326 रुपये प्रति शेयर है. इस गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) का मूल्यांकन शीर्ष स्तर पर लगभग 1.38 लाख करोड़ रुपये है. कुल 47.58 करोड़ शेयरों वाले इस आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में 21 करोड़ इक्विटी शेयरों का नया निर्गम और 26.58 करोड़ शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल है. बिक्री पेशकश के तहत, टाटा संस 23 करोड़ शेयर जबकि अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) 3.58 करोड़ शेयर बेचेगी.
टाटा संस की बड़ी हिस्सेदारी
वर्तमान में, टाटा संस के पास टाटा कैपिटल में 88.6 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि आईएफसी के पास 1.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है. आईपीओ से प्राप्त राशि का उपयोग कंपनी के टियर-1 पूंजी यानी शेयर पूंजी आधार को मजबूत करने और आगे की उधारी सहित भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा. नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज के आने के बाद, यह हाल के वर्षों में टाटा समूह की दूसरी पब्लिक लिस्टिंग होगी.