Panchak Remedies 2025: इस महीने पंचक की शुरुआत 3 अक्टूबर से हुई, जिसका समापन 8 अक्टूबर को होगा. ज्योतिष के अनुसार, पंचक में किए गए कार्य का प्रभाव पांच गुना ज्यादा बढ़ जाता है. इसी कारण इस दौरान कोई भी विशेष कार्य करने से पहले पंडित या ज्योतिषी से सलाह लेना जरूरी होता है. सभी नक्षत्रों के अनुसार पंचक का शुभ-अशुभ प्रभाव होता है. पंचक के दौरान बहुत से कार्य वर्जित माने गए हैं, लेकिन कुछ कार्य ऐसे हैं जिन्हें पंचक में बिना किसी परेशानी के किया जा सकता है. आइए जानते हैं वो कार्य कौन से हैं.
पंचक में शुभ कार्य
पंचक के दौरान कई कार्य शुभ माने जा सकते हैं जैसे – यात्रा करना, वाहन खरीदना, मशीनरी संबंधित कार्य करना, गृह प्रवेश, बीज बोना, शांति पूजन, कपड़े और गहने खरीदना आदि. इसके अलावा, अगर पंचक रविवार को हो तो उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के साथ सर्वार्थसिद्धि योग बनता है, जो महत्वपूर्ण कार्यों के लिए शुभ होता है.
पंचक में कौन-कौन से कार्य शुभ होते हैं?
ज्योतिष के मुताबिक, पंचक में दैनिक पूजा-पाठ, मंत्र जाप और व्रत-उपवास किए जा सकते हैं. राज पंचक को शुभ माना जाता है और इसमें वाहन खरीदना, भूमि पूजन, गहने खरीदना और वृक्षारोपण जैसे कार्य शुभ माने जाते हैं.
दैनिक पूजा-पाठ:- आप अपनी सामान्य दैनिक देवी-देवताओं की पूजा, आरती और मंत्र जाप पंचक के दौरान भी कर सकते हैं.
व्रत और उत्सव:- मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत और एकादशी जैसे व्रत रखने पर पंचक का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, इसलिए इन्हें किया जा सकता है.
राज पंचक में शुभ कार्य:- अगर पंचक सोमवार से शुरू होता है (जिसे राज पंचक कहा जाता है) तो भूमि पूजन, वाहन खरीदना, सोने के गहने खरीदना, गहने खरीदना और वृक्षारोपण जैसे कार्य शुभ माने जाते हैं.
धार्मिक अनुष्ठान:- अगर कोई विशेष अनुष्ठान करना हो, जैसे सत्यनारायण कथा, तो किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए.
दान-पुण्य:- पंचक के दौरान अन्न और धन का दान मंदिर और गरीब लोगों में कर सकते हैं.
स्नान:- पंचक काल में किसी पवित्र नदी में स्नान करना और सूर्य देव को अर्घ्य देना शुभ होता है.
तुलसी में जल:- पंचक में रोजाना तुलसी में जल चढ़ा सकते हैं, सिवाय एकादशी और रविवार के, जब वे व्रत करती हैं.
पंचक का प्रकार:- बुधवार और बृहस्पतिवार को आने वाले पंचक दोषरहित होते हैं, इसलिए इनमें किए गए कार्य शुभ माने जाते हैं.
शुभ कार्य करने के लिए उपाय:- पंचक में कोई भी कार्य करना जरूरी हो जैसे लकड़ी खरीदना है तो गायत्री माता के नाम का हवन कराएं, या मकान की छत डलवानी हो तो मजदूरों को मिठाई खिलाकर ही काम शुरू करें.
पंचक में क्या-क्या वर्जित है?
पंचक में विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश, नया वाहन या सोना-चांदी खरीदना, दक्षिण दिशा की यात्रा, घर की छत ढलवाना और लकड़ी का सामान बनवाने या इकट्ठा करने जैसे कार्य वर्जित माने गए हैं. धार्मिक मान्यता है कि पंचक में इन कार्यों को करने से धनहानि, घर में क्लेश और अन्य अनिष्ट हो सकता है. इसके अलावा, चोर पंचक में नया कारोबार या निवेश करने और दाह संस्कार से पहले विशेष अनुष्ठान करने की भी मनाही है.
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.)