क्या दिवाली तक सवा लाख तक पहुंचेगा सोना? कैसे होगा तुर्की से तनाव का असर

क्या दिवाली तक सवा लाख तक पहुंचेगा सोना? कैसे होगा तुर्की से तनाव का असर

एक साल में महंगा हुआ सोना.

पिछले कुछ सालों में सोने की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखी गई है. सिर्फ एक साल में ही सोने की कीमतों में करीब 50% की बढ़ोतरी हुई है, जिसने निफ्टी इंडेक्स और अन्य प्रमुख सूचकांकों को भी पीछे छोड़ दिया है. यह तेजी कई कारणों से आई है. जैसे कि केंद्रीय बैंकों की भारी खरीदारी, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, व्यापारिक अनिश्चितताएं, कमजोर होता डॉलर इंडेक्स, आर्थिक मंदी की आशंका और ETF में मजबूत निवेश प्रवाह.

विशेषज्ञों का मानना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच सुरक्षित निवेश की मांग लगातार बनी हुई है. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयान कि यूक्रेन खोया हुआ क्षेत्र वापस पा सकता है, से तनाव और बढ़ने की संभावना है. इसके अलावा, अमेरिका में सात साल बाद हुई सरकारी शटडाउन से जरूरी आर्थिक आंकड़ों जैसे ISM और Non-Farm Payrolls की घोषणा में देरी हो सकती है, जिससे अनिश्चितता बढ़ेगी और सोने को समर्थन मिल सकता है.

भारत और तुर्की तनाव का असर

एक्सपर्ट्स मानना है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और तुर्की के बीच बढ़ते तनाव से भी सोने की कीमतों में और उछाल आ सकता है. भारत अब तुर्की के विरोधी देशों ग्रीस, साइप्रस और इजरायल के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रहा है, ताकि पाकिस्तान-तुर्की-अजरबैजान के गठबंधन का मुकाबला किया जा सके. हाल ही में भारत ने ग्रीस और साइप्रस के साथ नौसेना अभ्यास भी किए हैं. अगर तनाव बढ़ता होती है तो इन क्षेत्रों की रणनीतिक स्थिति के कारण वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका बढ़ सकती है.

ये भी पढ़ें- घरेलू बाजार में सोना महंगा, एक हफ्ते में 3920 रुपये बढ़ा रेट; ये रहा 24K और 22K गोल्ड का भाव

क्या दीवाली तक सोना ₹1.25 लाख तक जा सकता है?

रिलायंस सिक्योरिटीज के मुताबिक, भारत-तुर्की के तनाव से सोने में सुरक्षित निवेश की मांग जरूर बढ़ेगी, लेकिन बड़े पैमाने पर वैश्विक कारक साथ न हों, तो दीवाली तक सोना ₹1.25 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंचना मुश्किल है. उन्होंने बताया कि घरेलू सोने की कीमतें कई चीजों पर निर्भर करती हैं. अंतरराष्ट्रीय सोना दरें, डॉलर-रुपया विनिमय दर और आयात शुल्क. अगर रुपया कमजोर होता है और वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति बढ़ती है, तो सोना और महंगा हो सकता है, लेकिन जब तक भारत-तुर्की तनाव बहुत गंभीर स्तर पर नहीं पहुंचता, तब तक सोने की तेजी अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों, ETF निवेश और भारत की त्योहारी मांग पर निर्भर रहेगी. नीति बदलाव जैसे सोने पर आयात शुल्क में कटौती या रोक भी दामों को प्रभावित कर सकते हैं. ₹1.25 लाख का लक्ष्य थोड़ा ज्यादा ज्यादा है, जबकि ₹1.19 लाख से ₹1.22 लाख प्रति 10 ग्राम तक की कीमतें अधिक यथार्थवादी हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *