MP-राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत, CDSCO ने 6 राज्यों में शुरू की जांच

MP-राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत, CDSCO ने 6 राज्यों में शुरू की जांच

कफ सिरप पीने से मौत.

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने मध्यप्रदेश और राजस्थान में कथित रूप से संदूषित कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत होने के मद्देनजर छह राज्यों में खांसी की दवा, एंटीपाइरेटिक्स और एंटीबायोटिक समेत 19 दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में जोखिम आधारित निरीक्षण शुरू किया है. मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में हैं, जहां विभिन्न दवाओं के 19 सैंपल निर्मित किए गए.

मंत्रालय ने कहा कि सीडीएससीओ ने तीन अक्टूबर को यह निरीक्षण शुरू किया, जिसका उद्देश्य उन कमियों की पहचान करना है, जिनके कारण दवा की गुणवत्ता में कमी आई है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए प्रक्रिया में सुधार का सुझाव देना है.

आसपास के इलाकों में हुई मौतों का कारण

मंत्रालय ने कहा कि इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान, सीडीएससीओ और एम्स-नागपुर के विशेषज्ञों की एक बहु-विषयक टीम मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और उसके आसपास के इलाकों में हुई मौतों के कारणों का आकलन करने के लिए विभिन्न नमूनों और कारकों का अब भी विश्लेषण कर रही है.

किडनी को गंभीर नुकसान

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सीडीएससीओ द्वारा जांचे गए छह दवा के नमूने और मध्यप्रदेश खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एमपीएफडीए) द्वारा जांचे गए तीन नमूने डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) संदूषकों से मुक्त पाए गए, जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं.

मंत्रालय के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि सीडीएससीओ द्वारा अब तक जिन नमूनों की जांच की गई है, वे दो संदिग्ध कफ सिरप के नहीं थे, जिनमें से एक कोल्ड्रिफ है जो मौतों के बाद से जांच के दायरे में है. एक सूत्र ने बताया कि सीडीएससीओ द्वारा जांचे गए छह दवा के नमूनों में डीईजी/ईजी की मौजूदगी नहीं पाई गई. ये नमूने एंटीबायोटिक्स, एंटीपायरेटिक्स और ओंडान्सेट्रॉन समेत अन्य दवाओं और सिरप के थे, जिनका सेवन मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बीमार पड़े बच्चों ने किया था.

मध्यप्रदेश राज्य औषधि प्रशासन द्वारा कोल्ड्रिफ और अन्य संदिग्ध कफ सिरप के नमूनों का विश्लेषण अब भी जारी है. मध्यप्रदेश सरकार के अनुरोध पर, तमिलनाडु खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कांचीपुरम (तमिलनाडु) स्थित श्रीसन फार्मा की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से एकत्रित कोल्ड्रिफ कफ सिरप के नमूनों का परीक्षण किया.

मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार देर शाम हमारे साथ परिणाम साझा किए गए. नमूनों में डीईजी की मात्रा स्वीकार्य सीमा से अधिक थी. इसके बाद, तमिलनाडु सरकार ने कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया और इसे बाजार से हटाने का आदेश दिया. एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि एक अक्टूबर से शहर स्थित कंपनी द्वारा निर्मित कफ सिरप की बिक्री पूरे तमिलनाडु में प्रतिबंधित कर दी गई है.

तेलंगाना ने सिरप पर चेतावनी जारी

तेलंगाना औषधि नियंत्रण प्रशासन ने शनिवार को कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से कथित तौर पर जुड़ी मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौतों के बाद, इसके लिए ‘सार्वजनिक चेतावनी – उपयोग बंद करने का नोटिस’ जारी किया. औषधि नियंत्रण प्रशासन (डीसीए) ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की दुखद मौतों की खबरों को लेकर उसे सतर्क कर दिया गया है.

उपयोग बंद करने का नोटिस जारी

इसमें कहा गया है कि कोल्ड्रिफ सिरप (बैच संख्या SR-13) के संबंध में उपयोग बंद करने का नोटिस. विज्ञप्ति में कहा गया है कि उत्पाद बैच में कथित तौर पर डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG), एक विषैला पदार्थ, मिलाया गया है, और इस वजह से सार्वजनिक चेतावनी और उपयोग बंद करने का नोटिस जारी किया जाता है.

इसमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत और कथित मिलावट को देखते हुए, जनता को चेतावनी दी जाती है कि यदि उनके पास कोल्ड्रिफ सिरप, बैच संख्या एसआर-13 है, तो उसका उपयोग तुरंत बंद कर दें और बिना किसी देरी के स्थानीय औषधि नियंत्रण प्राधिकरण को इसकी सूचना दें.

औषधि नियंत्रण प्रशासन का टोल प्री नंबर जारी

आम जनता सभी कार्यदिवसों में औषधि नियंत्रण प्रशासन (DCA) के टोल-फ्री नंबर पर सीधे औषधि नियंत्रण प्रशासन को भी इसकी सूचना दे सकती है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि DCA तेलंगाना के अधिकारी तमिलनाडु स्थित अपने समकक्षों के साथ समन्वय कर रहे हैं, जहां विनिर्माण सुविधा स्थित है ताकि तेलंगाना में उत्पाद के वितरण पर नज़र रखी जा सके.

इसमें कहा गया है कि सभी औषधि निरीक्षकों और सहायक निदेशकों को निर्देश दिया गया है कि वे खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों को तुरंत सूचित करें कि यदि बाजार में इस उत्पाद के किसी भी स्टॉक का स्टॉक उपलब्ध हो, तो उसे फ्रीज कर दें. विज्ञप्ति में यह जिक्र करते हुए कि तेलंगाना में औषधि नियंत्रण प्रशासन इस संबंध में आवश्यक कदम उठा रहा है, जनता से आगे किसी भी जोखिम से बचने के लिए सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है. मध्य प्रदेश सरकार ने छिंदवाड़ा जिले में 7 सितंबर से संदिग्ध किडनी संक्रमण के कारण नौ बच्चों की मौत के बाद शनिवार को कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *