कल से 10 घंटे के अंदर क्लियर होगा चेक, तुरंत अकाउंट में क्रेडिट होगा पैसा


Cheque Clearance: बैंकिंग सिस्टम में 4 अक्टूबर से एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. अब चेक उसी दिन क्लियर होंगे जिस दिन जमा किए जाएंगे. यह बदलाव रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए सेटलमेंट फ्रेमवर्क के तहत किया गया है. इसका मकसद चेक सेटलमेंट को तेज बनाना और पेमेंट प्रोसेस को ज्यादा सुरक्षित करना है. अब ग्राहक को चेक क्लियरेंस में लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और पैसे जल्दी खाते में आ जाएंगे.

कैसे होगा नया क्लियरेंस प्रॉसेस
अभी तक चेक क्लियरेंस बैच प्रोसेसिंग मोड में होती थी. लेकिन अब बैंक चेक को स्कैन करके उसकी इमेज और एमआईसीआर डेटा क्लियरिंग हाउस को भेजेंगे. वहां से यह डेटा उस बैंक को जाएगा जिसे पेमेंट करनी है. यह प्रक्रिया पूरे दिन रीयल टाइम में चलेगी जिससे चेक उसी दिन निपटाए जा सकेंगे.

ड्रॉई बैंक को मिलेगा लंबा कन्फर्मेशन विंडो
जिस बैंक से पेमेंट होनी है उसे सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक कन्फर्मेशन देना होगा. हर चेक के लिए एक एक्सपायरी टाइम होगा और बैंक को रीयल टाइम में ही प्रतिक्रिया देनी होगी. इससे चेक होल्ड या देरी जैसी समस्याएं काफी कम होंगी.

दो फेज में लागू होगा नया सिस्टम
पहला चरण 4 अक्टूबर से 2 जनवरी 2026 तक चलेगा जिसमें सभी चेक के लिए शाम 7 बजे की समय सीमा होगी. अगर बैंक कन्फर्मेशन नहीं देता तो चेक को स्वीकृत मानकर सेटल कर दिया जाएगा.

दूसरे चरण में 3 जनवरी से बैंक को सिर्फ 3 घंटे में चेक क्लियर करना होगा. उदाहरण के लिए अगर चेक 10 बजे से 11 बजे के बीच आता है तो उसे दोपहर 2 बजे तक मंजूरी देनी होगी.

तेजी से क्रेडिट होगा पैसा
जैसे ही चेक सेटल हो जाएगा, क्लियरिंग हाउस बैंक को जानकारी देगा और बैंक एक घंटे के अंदर आपके खाते में राशि जमा कर देगा. इससे पेमेंट में देरी और जोखिम दोनों कम होंगे.

पॉजिटिव पे सिस्टम देगा अतिरिक्त सुरक्षा
50 हजार रुपये से ऊपर के चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम का उपयोग करने की सलाह दी जाती है. 5 लाख रुपये से ज्यादा के चेक के लिए यह अनिवार्य है. ग्राहक को चेक के मेन डिटेल पहले से बैंक को देने होते हैं. बैंक इन जानकारियों का मिलान करता है जिससे धोखाधड़ी की संभावना घटती है.

ग्राहकों को क्या करना होगा
ग्राहकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि खाते में पर्याप्त बैलेंस हो ताकि चेक बाउंस न हो. साथ ही चेक की सभी जानकारियां सही ढंग से फाइल करनी होंगी ताकि किसी भी प्रकार की देरी या रिजेक्शन से बचा जा सके.

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