
आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे दायर कर यह जानकारी दी.Image Credit source: freepik
UPSC CSE Prelims Answer Key: यूपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए बहुत ही काम की खबर है. यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के तुरंत बाद प्रोविजनल आंसर-की जारी करेगा और इस आपत्ति दर्ज कराने के लिए अभ्यर्थियों को समय दिया जाएगा. आंसर-की पर आपत्ति दर्ज कराने वाले अभ्यर्थियों को कम से कम 3 आधिकारिक स्रोत संबंधित प्रश्न के लिए अनिवार्य रूप से देना होगा. आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में यह जानकारी दी.
न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ के समक्ष दायर एक हलफनामे में आयोग ने कहा कि व्यापक विचार-विमर्श और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है. यूपीएससी ने कहा कि प्रोविजनल आंसर-की पर प्राप्त आपत्तियों के निपटारे के बाद फाइनल आंसर-की तैयारी की जाएगी. प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे फाइनल आंसर-की के आधार पर घोषित किए जाएंगे.
कितने अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में होते हैं शामिल?
यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में हर साल देश भर के करीब 5 लाख अभ्यर्थी शामिल होते हैं और मुख्य परीक्षा में इनकी संख्या 12 हजार से 15 हजार हो जाती है. अभ्यर्थियों की यह शिकायत रहती थी कि प्रारंभिक परीक्षा में हुई गलियों को चुनौती देने का कोई तराका नहीं है. अभी तक प्रारंभिक परीक्षा की आंसर-की रिजल्ट के बाद जारी किया जाता था, लेकिन अब रिजल्ट से पहले जारी किया जाएगा.
हलफनामे में कहा गया है कि यूपीएससी द्वारा लिए गए निर्णय को याचिका में उठाए गए शिकायतों का एक प्रभावी और पर्याप्त निवारण माना जाता है. आयोग ने कहा कि अदालत के समक्ष निर्णय लेना उचित माना जाता है और उसने अपने नए फैसले के प्रकाश में याचिकाओं के निपटारे की मांग की है, जिसमें कहा गया है कि यह निष्पक्षता, पारदर्शिता और व्यावहारिकता को संतुलित करता है.
कितने दायर की थी याचिका?
सिविल सेवा के उम्मीदवारों के नेतृत्व में अधिवक्ता राजीव कुमार दुबे द्वारा दायर याचिकाओं ने इस बात पर जोर दिया है कि लगभग हर राज्य लोक सेवा आयोग व आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थान प्रवेश परीक्षा के तुरंत बाद आंसर-की जारी करते हैं. वैसे ही यूपीएससी को भी करना चाहिए.
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