
जीएसटी का असर
केंद्र सरकार की ओर जीएसटी स्लैब में बदलाव कर लोगों को टैक्स में राहत देने का असर नवरात्रि पर देखने को मिला. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत की कंज्यूमर इकोनॉमी ने पिछले 10 सालों में इस बार नवरात्रि में सबसे ज्यादा बिक्री देखी है. जीएसटी स्लैब को रेशनलाइज करने से जरूरी और लक्जरी सामानों पर टैक्स का बोझ कम हुआ, जिससे लोग कॉन्फिडेंस के साथ खरीदारी कर रहे हैं. लोगों ने होम अप्लायंसेज और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स अपग्रेड किए, जिससे डिमांड में जबरदस्त उछाल आया.
ऑटोमोबाइल कंपनियों को इस नवरात्रि में सबसे ज्यादा फायदा हुआ. जीएसटी में कटौती के बाद मारुति सुजुकी ने पिछले एक दशक में अपनी बेस्ट नवरात्रि सेल्स रिकॉर्ड की. उनकी बिक्री पिछले साल के मुकाबले दोगुनी हो गई. कंपनी ने 1,50,000 बुकिंग्स हासिल कीं और उम्मीद है कि ये 2,00,000 तक पहुंच जाएंगी. पिछले साल नवरात्रि में 85,000 गाड़ियां बिकी थीं. इस बार फेस्टिवल के पहले 8 दिनों में 1.65 लाख गाड़ियों की डिलीवरी हुई, जिसमें पहले दिन ही 30,000 कार्स बिकीं, जो 35 सालों में मारुति का बेस्ट सिंगल-डे परफॉर्मेंस है. महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 60% की रिटेल सेल्स ग्रोथ देखी. हुंडई में क्रेटा और वेन्यू की स्ट्रॉन्ग डिमांड की वजह से SUV सेल्स उनकी टोटल सेल्स का 72% से ज्यादा थी. हीरो मोटोकॉर्प के शोरूम में कस्टमर्स की संख्या दोगुनी हो गई, खासकर कम्यूटर टू-व्हीलर्स में अच्छी ग्रोथ देखी गई. टाटा मोटर्स ने 50,000 से ज्यादा गाड़ियां बेचीं, जिसमें अल्ट्रोज, पंच, नेक्सन और टियागो मॉडल्स टॉप पर रहे. बजाज ऑटो ने भी फेस्टिव सीजन में अच्छी सेल्स रिकॉर्ड की.
इलेक्ट्रॉनिक्स में भी बूम
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में भी डिमांड में तेजी देखी गई. ब्रांड्स ने डबल-डिजिट ग्रोथ रिकॉर्ड की. हायर की सेल्स 85% बढ़ी, जिससे 2.5 लाख रुपये से ज्यादा कीमत वाले 85-इंच और 100-इंच टीवी का दिवाली स्टॉक लगभग खत्म हो गया. कंपनी ने नवरात्रि में रोजाना 65-इंच टीवी की 300-350 यूनिट्स बेचीं. एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने अपनी प्रोडक्ट रेंज में “एक्सपोनेंशियल ग्रोथ” देखी. रिलायंस रिटेल ने 20-25% की ग्रोथ देखी, जिसमें बड़े स्क्रीन वाले टीवी, स्मार्टफोन्स और फैशन कैटेगरी में सबसे ज्यादा बिक्री हुई.
फेस्टिव इकोनॉमी का आउटलुक
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, ब्रांड्स और रिटेलर्स ने 25% से 100% तक की सेल्स ग्रोथ देखी. भारत का फेस्टिव सीजन, जिसमें ओणम, दुर्गा पूजा और दशहरा शामिल हैं. साल की सबसे बड़ी कंजम्पशन पीरियड बन गया है, जो टोटल फेस्टिव सेल्स का 40-45% है. नवरात्रि की रिकॉर्ड-ब्रेकिंग डिमांड दिखाती है कि GST कट्स ने सामानों को ज्यादा अफोर्डेबल बनाया और कंज्यूमर सेंटिमेंट को बूस्ट किया, जिससे भारत की कंजम्पशन-ड्रिवेन इकोनॉमी को फेस्टिव सीजन में जबरदस्त पुश मिल है.