
कोचिंग पर निर्भरता कम करने पर विचार
केंद्र सरकार जेईई और नीट जैसे प्रवेश परीक्षाओं की कठिनाई को कम करने पर विचार कर रही है. ऐसा इसलिए ताकि छात्रों की कोचिंग संस्थानों पर निर्भरता को कम किया जा सके. अगर इन परीक्षा को 12वीं के सिलेबस के मुताबिक ही कर दिया जाएगा तो वो सेल्फ स्टडी के जरिए भी इस परीक्षा को क्रैक कर सकेंगे. सूत्रों के हवाले से मिली सूचना के मुताबिक, इसमें बदलाव करने के लिए समीक्षा एक्सपर्ट पैनल की प्रतिक्रिया के आधार पर की जाएगी.
इसे कोचिंग से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए गठित किया गया है. पैनल डेटा का विश्लेषण कर रहा है ताकि यह देखा जा सके कि क्या प्रवेश परीक्षाओं का कठिनाई स्तर 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम के कठिनाई स्तर से मिलता जुलता है या नहीं. क्योंकि इन परीक्षाओं का आधार ही यही है. कुछ अभिभावकों और कोचिंग संस्थानों के शिक्षकों के मुताबिक दोनों में बहुत सारी असमानता है. इस वजह से कोचिंग पर तैयारी करने वाले छात्रों की निर्भरता बढ़ती जा रही है. पैनल की प्रतिक्रिया के आधार पर इन प्रवेश परीक्षाओं के कठिनाई स्तर की समीक्षा की जाएगी.
किन चीजों पर समिति करेगी जांच?
फिलहाल, समिति मौजूदा समय के स्कूली शिक्षा प्रणाली में उन कमियों की जांच कर रही है जो छात्रों की कोचिंग सेंटरों में पढ़ने के लिए जाने की जरूरत बना रहे हैं. क्या तर्क पर विचार किया जा रहा है, नए विचारों पर काम किया जा रहा है या फिर रटने की पद्धति पर ही शिक्षा निर्भर है, इसको लेकर भी जांच किया जा रहा है.
इसके अलावा समति स्टूडेंट्स अभिभावकों में अलग-अलग करियर के ऑप्शंस के प्रति जागरूकता के स्तर का मूल्यांकन भी करेगी. इस जागरूकता की कमी की वजह से भी ज्यादा प्रचलित संस्थानों पर छात्रों की निर्भरता बढ़ रही है.स्कूलों और कॉलेजों में करियर काउंसलिंग सेवाओं की उपलब्धता और प्रभावशीलता का भी आंकलन किया जाएगा. क्योंकि इसके अभाव में भी तैयारी करने वाले छात्र कई बार बिना जानकारी लिए ही कोचिंग संस्थानों का रुख करते हैं.
पैनल के सदस्यों में कौन-कौन है शामिल?
पैनल के सदस्यों में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अध्यक्ष, स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा विभागों के संयुक्त सचिव, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) त्रिची, आईआईटी कानपुर और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के प्रतिनिधि,
स्कूलों के प्राचार्य (केंद्रिय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और एक निजी स्कूल से एक-एक) शामिल हैं.