बीते एक साल में इन म्यूचुअल फंड्स ने दिखाया दम, गिरते बाजार में ऐसे दिया ताबड़तोड़ मुनाफा

बीते एक साल में इन म्यूचुअल फंड्स ने दिखाया दम, गिरते बाजार में ऐसे दिया ताबड़तोड़ मुनाफा

म्‍यूचुअल फंड

बीते एक साल में बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन कुछ म्यूचुअल फंड्स ऐसे भी रहे जिन्होंने इन हालातों में भी शानदार कमाई कराई. पिछले दशहरे यानी 12 अक्टूबर 2024 से लेकर 1 अक्टूबर 2025 तक के डेटा के मुताबिक, करीब 12 इक्विटी म्यूचुअल फंड्स ने 30% से ज्यादा रिटर्न दिया है. ये ऐसे फंड्स हैं जिन्होंने गिरते बाजार में भी निवेशकों को मालामाल कर दिया.

इस अवधि में करीब 631 इक्विटी और इक्विटी-ओरिएंटेड फंड्स ने प्रदर्शन किया, लेकिन सबसे ज्यादा कमाल अंतर्राष्ट्रीय फंड्स ने दिखाया. टॉप 49 फंड्स में ज्यादातर विदेशी निवेश पर आधारित थे, जिससे साफ पता चलता है कि ग्लोबल फंड्स ने घरेलू फंड्स की तुलना में बेहतर रिटर्न दिया.

सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाले फंड्स

सबसे ज्यादा कमाई कराने वाला फंड रहा मिराए एसेट NYSE FANG+ ETF FoF, जिसने साल भर में 73.48% का जबरदस्त रिटर्न दिया. इसके बाद इन्वेस्को इंडिया ग्लोबल कंज्यूमर ट्रेंड्स FoF ने 62.84% रिटर्न देकर निवेशकों को खुश कर दिया.

मिराए एसेट S&P 500 टॉप 50 ETF FoF ने भी 52.74% रिटर्न के साथ टॉप थ्री में अपनी जगह बनाई. इनके अलावा, ताइवान, यूएस टेक्नोलॉजी, चाइना, माइनिंग और ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े कुछ और अंतर्राष्ट्रीय फंड्स ने 30% से ऊपर का रिटर्न दिया.

कुछ घरेलू फंड्स भी रहे कामयाब

हालांकि विदेशी फंड्स का प्रदर्शन शानदार रहा, लेकिन कुछ भारतीय फंड्स ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया. ICICI प्रूडेंशियल स्ट्रैटेजिक मेटल एंड एनर्जी फंड ने 39.06% का रिटर्न दिया. वहीं, मिराए एसेट हैंग सेंग टेक ETF FoF और ग्लोबल AI & टेक ETF FoF जैसे फंड्स भी टॉप पर रहे.

जहां कुछ फंड्स ने पैसा डबल कर दिया, वहीं करीब 408 फंड्स ने निगेटिव रिटर्न दिया. सबसे ज्यादा नुकसान सैमको फ्लेक्सी कैप फंड में हुआ, जिसमें 20% से ज्यादा की गिरावट आई. इसके बाद क्वांट म्यूचुअल फंड्स के कई फंड्स और HDFC टेक्नोलॉजी फंड जैसे नामों में भी 10% से ज्यादा गिरावट देखी गई.

ग्लोबल ट्रेंड्स को समझना जरूरी

सिर्फ घरेलू बाजार पर निर्भर रहना के अलावा ग्लोबल ट्रेंड्स को समझना और विदेशी फंड्स में भी थोड़ा निवेश करना स्मार्ट मूव साबित हो सकता है. साथ ही, यह भी जरूरी है कि आप अपने रिस्क प्रोफाइल, निवेश का लक्ष्य और समयसीमा को ध्यान में रखकर ही कोई फैसला लें.

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