काशी की धरोहर के प्रतिनिधि पंडित छन्नूलाल मिश्र, 2014 में पीएम मोदी के प्रस्तावक बनने की कहानी

काशी की धरोहर के प्रतिनिधि पंडित छन्नूलाल मिश्र,  2014 में पीएम मोदी के प्रस्तावक बनने की कहानी

पंडित छन्नूलाल मिश्रा

बनारस संगीत घराने के दिग्गज शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल जी नहीं रहें. 89 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. अपने आखिरी समय में राम धुन गुनगुनाने वाले छन्नूलाल जी पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. पद्मविभूषण पंडित छन्नुलाल जी के निधन पर पीएम मोदी ने भी दुःख जताया है. अपनी श्रद्धांजलि देते हुए पीएम ने लिखा कि सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है.

पंडित छन्नूलाल ने पूरे जीवन भारतीय कला और संस्कृति की समृद्धि के लिए काम किया. उन्होंने शास्त्रीय संगीत को जन-जन तक पहुंचाने के साथ ही भारतीय परंपरा को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करने में भी अपना अमूल्य योगदान दिया. यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे सदैव उनका स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त होता रहा. साल 2014 में वे वाराणसी सीट से मेरे प्रस्तावक भी रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि शोक की इस घड़ी में मैं उनके घरवालों और प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं. ओम शांति.’

2014 में कैसे बने पीएम मोदी के प्रस्तावक?

नरेंद्र मोदी जब बनारस से चुनाव लड़ने का मन बनाएं तो काशी की धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहर और मां गंगा उनके दिमाग में थीं. उन्होंने उसी समय तय कर लिया कि बनारस से चुनाव लड़ने के लिए जो भी उनके प्रस्तावक होंगे वो काशी की धरोहर के प्रतिनिधि होंगे. उस समय के तत्कालीन मेयर रहें रामगोपाल मोहले ने टीवी 9 डिजिटल को बताया कि नरेंद्र मोदी जी बनारस से चुनाव लड़ने आए थें और उनके मन मस्तिष्क में काशी के प्रति एक विशेष स्नेह था. वो चाहते थे कि उनका चुनाव एक राजनैतिक प्रक्रिया भर न रहे वो इसे काशी की संस्कृति और धरोहर से भी जोड़ना चाहते थे.

इस कड़ी में जो सबसे पहला नाम उनके जेहन में आया वो स्वर्गीय पंडित छन्नूलाल मिश्र जी का ही नाम था. इसके बाद उन्होंने जस्टिस गिरधर मालवीय, मांझी समाज के वीरभद्र निषाद और बुनकर समाज से अशोक कुमार को अपना प्रस्तावक बनाया. चार प्रस्तावकों में से अशोक कुमार को छोड़कर बाकी तीन प्रस्तावक अब इस दुनियां में नही रहें.

राम गोपाल मोहले बताते हैं कि 2014 में जब पीएम मोदी पर्चा दाखिल करने आएं तो पंडित छन्नूलाल जी उनके साथ कलेक्टरेट में मौजूद थे. पर्चा दाखिल करने से पहले पीएम मोदी ने उनका आशीर्वाद लिया था. जब-जब पंडित छन्नूलाल जी से पीएम मोदी की मुलाक़ात हुई तब-तब पीएम ने उनसे आशीर्वाद लिया.

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