पिनाका MK-1 से लेकर ड्रोन तक… विजयदशमी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने की शस्त्र पूजा, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी रहे साथ

पिनाका MK-1 से लेकर ड्रोन तक... विजयदशमी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने की शस्त्र पूजा, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी रहे साथ

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने की शस्त्र पूजा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को नागपुर में विजयादशमी उत्सव के अवसर पर ‘शस्त्र पूजा’ की. यह पूजा उन्होंने संगठन के मुख्यालय रेशमबाग मैदान में की. शस्त्र पूजा के दौरान पारंपरिक और आधुनिक हथियारों के प्रतिरूप प्रदर्शित किए गए, जिसमें पिनाका एमके-1, पिनाका एन्हांस और पिनाका सहित कई आधुनिक हथियार और ड्रोन शामिल हैं.

शस्त्र पूजा कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उपस्थित थे. कार्यक्रम के दौरान RSS प्रमुख भागवत ने संस्थापक बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की.

RSS ने 100 साल किए पूरे

RSS ने गुरुवार विजयादशमी के अवसर पर अपनी स्थापना के 100 साल पूरे कर लिए हैं. इस खास अवसर पर संघ ने नागपुर के संगठन मुख्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया है. इसमें 20 हजार से ज्यादा स्वयंसेवकों ने भाग लिया. देश भर में संघ की 83 हजार से ज्यादा शाखाओं में विजयदशमी का उत्सव मनाया जा रहा है.

संघ की स्थापना साल 1925 में विजयदशमी के दिन हुई थी. इस संगठन की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी. मोहन भागवत ने 2009 में संघ की कमान अपने हाथों में ली थी. भागवत संघ के छठवें सरसंघचालक हैं.

पीएम मोदी ने लिखा लेख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने RSS के 100 साल पूरे होने के इस खास अवसर पर एक लेख लिखा. इस लेख में उन्होंने संघ के बारे में विस्तार से लिखा है. उन्होंने संस्थापक हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम ने कहा कि जब से संघ की स्थापना हुई है, उसकी एक ही प्राथमिकता रही है, वह है देश का विकास. स्वतंत्रता के समय भी संघ ने कई अहम भूमिकाएं निभाईं. आजादी की लड़ाई के समय डॉक्टर हेडगेवार समेत अनेक कार्यकर्ताओं ने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया. वह कई बार जेल तक गए.

पीएम ने लिखा कि इसके अलावा संघ को कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है, जिसमें ऊंच-नीच की भावनाएं और कुप्रथाएं जैसी कई गंभीर चुनौतियां हैं. उन्होंने ने लिखा कि 100 साल पहले संघ की चुनौतियां कुछ और थीं, लेकिन अब इसकी चुनौतियां बदल गई हैं. उन्होंने कहा कि इन सबके बावजूद मुझे खुशी है कि संघ ने निरंतर इन सभी चुनौतियों से निपटने के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और अब संघ ने इसको लेकर एक रोडमैप भी बनाया है.

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