बॉलीवुड के सुपरसिंगर शान ने आज टीवी9 भारतवर्ष के फेस्टिवल्स ऑफ इंडिया के मंच पर समां बांध दिया. शान एक ऐसी शक्सियत हैं, जो फैंस के दिलों पर राज करते हैं. शान की आवाज तो लाजवाब है ही उनकी स्माइल के भी लोग दीवाने हैं. शान की आवाज की फ्रेशनेस उनकी गायकी में नजर आती है. शान ने इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक गाने दिए हैं. लेकिन एक ऐसा गाना है जो हर दिल की आवाज बन गया.
‘आंखों में सपने लिए घर से हम चल तो दिए… जाने ये राहें अब ले जाएंगी कहां…’ ये वो लिरिक्स हैं, जो हर उस शख्स के दिल में गूंजती हैं जो अपने परदेसी बनकर अंजान सफर पर निकलता है और पीछे छोड़ देता है, अपना घर अपना बसेरा. ये गाना है तन्हा दिल. आज से 25 साल पहले इस गाने को रिलीज किया गया था, लेकिन आज भी ये गाना सभी के दिलों की धड़कन है.
ऐसा था शान का सफर
हाल ही में शान ने टीवी9 भारतवर्ष के साथ बातचीत में अपने इस गाने के बनने की कहानी शेयर की. अपने सफर के बारे में बात करते हुए शान ने बताया कि वो एक म्यूजिक फैमिली से आते हैं. शान ने बताया कि उनको म्यूजिक उनके पिता से विरासत में मिला. शान के पिता का नाम मानस मुखर्जी था और उन्होंने बंगाली सिनेमा में बहुत काम किया था. शान ने बताया कि पिता की गायकी और संगीत के प्रति लगाव ने ही उनके अंदर भी ये ललक पैदा की थी. वो बचपन से ऐड्स के लिए जिंगल गाते थे. 15-16 साल की उम्र में शान को लगा कि वो इसको आगे बढ़ा सकते हैं.
तन्हा दिल की खास कहानी
शान कहते हैं कि गायकी ने उनको चुना. ‘तन्हा दिल’ की इस साल 25वीं सालगिराह है और उन्होंने इस गाने की कहानी के बारे में बताया कि पहले गानों की धुन लिरिक्स से पहले बना करती थी, तो गाने के कंपोजर राम सम्पत ने उन्हें धुन सुनाई. शान ने बताया कि ये गाना उन्होंने अपने दोस्तों को याद करते हुए गाया था. वो भी बाहर चले गए थे. उन्होंने कहा कि तन्हा दिल बहुत खास गाना है और ये गाना हमेशा ही उन्हें उनके दोस्तों की याद दिलाता है.