
कफ सिरप कैसे है खतरनाक
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने से 6 बच्चों की जान चली गई है. जांच में पता चला है कि बच्चों की किडनी खराब हो गई थी जो मौत का कारण बनी है. इन बच्चों ने कोल्ड्रिफ और नेक्सट्रॉस डीएस सिरप लिया था. बच्चों की मौत के बाद इनको बैन किया गया है. छिंदवाड़ा की इस घटना के बाद कई लोगों के मन में सवाल आ रहा है कि सिरप पीने के किडनी कैसे खराब हो जाती है और क्या बच्चों को ये देनी चाहिए या नहीं.इस बारे में एक्सपर्ट्स से जानते हैं.
दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में मेडिसिन विभाग में डॉ. अजीत कुमार बताते हैं कि आज के समय में माता-पिता डॉक्टर की सलाह के बिना खुद से ही बच्चों को कफ सिरप दे देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. क्योंकि अगर डोज ज्यादा हो जाए तो ये खतरनाक हो सकता है. डॉ कुमार कहते हैं कि सिरप को बनाने में में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल मिलाया जाता है. ये इसलिए डाला जाता है ताकि सिरप खराब न हो. लेकिन कुछ मामलों में ये नुकसान कर सकता है.
कफ सिरप के किडनी कैसे हो जाती है खराब?
डॉ कुमार बताते हैं किअगर कोई बच्चा जरूरत से अधिक कफ सिरप लेता है तो उसके शरीर में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल ज्यादा चला जाता है जो किडनी को खराब कर सकता है. इसकी वजह से पेशाब न आने की समस्या और पेट दर्द की समस्या होती है. लंबे समय तक पेशाब न आने से सीधा असर किडनी पर पड़ता है. किडनी संक्रमित हो जाती है और सही तरीके से फंक्शन नहीं कर पाती है. किडनी में बढ़ा संक्रमण उसको फेल कर देता है जो मौत का कारण बनता है.
कफ सिरप की क्या डोज लेनी चाहिए
दिल्ली के मूलचंद अस्पताल में पल्मोनोलॉजी विभाग में डॉ. भगवान मंत्री बताते हैं कि कफ सिरप दो प्रकार का होता है. इसमें एक होता है ड्राई कफ ( सूखी खांसी) के लिए और दूसरा बोता है बलगम वाली खासी के लिए. कुछ सिरप एलर्जी के लिए भी होते हैं.
डॉ मंत्री कहते हैं कि सिरप लेते समय अपने डॉक्टर की सलाह लें. जहां तक बात डोज की है तो बच्चे (6 से12 साल) के लिए आधी चम्मच (2.55 ml), दिन में 2-3 बार ले सकते हैं, लेकिन 2 से 6 साल से छोटे बच्चों में डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के बिना कभी भी सिरप न दें. इन बच्चों में कफ सिरप देने से शरीर को नुकसान हो सकता है. अगर डॉक्टर ने सिरप लिखा है तो तभी दें और डोज सही रखें.इस बात का भी ध्यान रखें कि सिरप हमेशा भोजन के बाद लें और एक ही समय पर दो अलग तरह के सिरप न लें.