BRO के खाते में एक और कामयाबी, लद्दाख में बनाया 19 हजार फीट की ऊंचाई पर सबसे ऊंचा मोटरेबल पास

BRO के खाते में एक और कामयाबी, लद्दाख में बनाया 19 हजार फीट की ऊंचाई पर सबसे ऊंचा मोटरेबल पास

BRO ने 19 हजार फीट की ऊंचाई पर तैयार किया रोड

सीमा सड़क संगठन (BRO) सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए लगातार बुनियादी ढांचों को मजबूत करने के अपने मिशन में जुटा हुआ है. सीमा सड़क संगठन ने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अहम मुकाम हासिल करते हुए मिग ला पास (Mig La Pass) तक सड़क बना लिया है, जो अब 19,400 फीट की ऊंचाई पर दुनिया का सबसे ऊंचा मोटरेबल पास (Motorable Pass) है. पूर्वी लद्दाख सेक्टर में प्रोजेक्ट हिमांक द्वारा तैयार, मिग ला पास ने उमलिंग ला (19,024 फीट) पास के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया, इस सड़क को भी BRO ने ही तैयार किया था.

प्रोजेक्ट हिमांक के चीफ इंजीनियर, ब्रिगेडियर विशाल श्रीवास्तव का कहना है, “इस पास पर खड़े होकर बहुत अच्छा लग रहा है और मुझे अपनी टीम पर बहुत ज्यादा गर्व है जिसने इन दुर्गम ऊंचाइयों को पार करके उमलिंग ला का हमारा ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है. हमारा मकसद रिकॉर्ड तोड़ना नहीं, बल्कि अपने सशस्त्र बलों और नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा मुहैया करना है और इस प्रक्रिया में अगर कोई रिकॉर्ड टूटता है, तो वह एक बोनस की तरह है.”

टीवी9 नेटवर्क के न्यूज9 को मिग ला तक सड़क के अंतिम खंड के पूरा होने पर मौजूद होने पर गर्व है क्योंकि यह राष्ट्रीय गौरव और दृढ़ता का क्षण है.

मिग ला सिर्फ एक पास नहीं है बल्कि यह प्रकृति की विपरीत परिस्थितियों के उलट मानवीय साहस का शानदार प्रतीक है. इसकी ऊंचाई एवरेस्ट बेस कैंप से भी ज्यादा है, और माउंट एवरेस्ट पर कैंप 1 से करीब 500 फीट नीचे है. मिग ला पर खड़े होना उस जमीन पर खड़े होने जैसा है जो ऊंचाई में विशाल खुम्बू ग्लेशियर (Khumbu Glacier) को टक्कर दे सकती है, जो अपने आप में एक असाधारण अनुभव की तरह है.

देश के लिए रणनीतिक महत्व अहम

लिकारू-मिग ला-फुक्चे सड़क (LikaruMig LaFukche road) एक बहुत ही अहम रास्ता है जो लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास हानले से सीमावर्ती गांव फुक्चे तक एक तीसरी धुरी बनाती है. यह सीडीएफडी रोड को भी अहम संपर्क प्रदान करता है, जो LAC के साथ-साथ डेमचोक, फुक्चे, दुग्ती और चुशुल जैसे अहम सीमावर्ती गांवों को जोड़ती है.

प्रोजेक्ट हिमांक के चीफ इंजीनियर, ब्रिगेडियर विशाल श्रीवास्तव, इस ऐतिहासिक अवसर पर मिग ला पहुंचे, वहां पर उन्होंने औपचारिक पूजा की और उन बीआरओ कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया जिन्होंने बेहद कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए इस सपने को साकार किया.

साहस और हिम्मत के बीच इंजीनियरिंग

बेहद ऊंचाई पर सड़क का निर्माण आसान काम नहीं था. सर्दियों में मिग ला का तापमान -40°C तक गिर जाता है, जिससे लोगों और मशीनों, दोनों के लिए काम करना असंभव हो जाता है. ऐसे में यहां पर निर्माण के लिए सालभर में सिर्फ 6 महीने ही बचते हैं. LMF रोड के ऑफिसर कमांडिंग मेजर नागेंद्र सिंह ने बताया, “हमारे पास साल में केवल छह महीने ही काम करने का समय होता है, इसलिए व्यावहारिक रूप से हम मिग ला पर 12 महीने ही काम करते हैं.” इस सड़क के पूरा होने की समयसीमा मार्च 2028 तक तय की गई है, जब तक यह पूरी तरह से डामर से ढकी और गाड़ी चलाने लायक चिकनी हो जाएगी. लिकारू से मिग ला तक इसकी दूरी करीब 34 किलोमीटर है. दर्रे के दूसरी ओर, यानी मिग ला से फुक्चे तक, काम तेजी से चल रहा है.

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने दुनिया के 14 सबसे ऊंचे मोटरेबल पास में से 11 का निर्माण कर लिया है. 755 BRTF के कमांडर कर्नल पोनुंग डोमिंग गर्व से कहते हैं, “बीआरओ को हर मील के पत्थर पर बहुत गर्व है – यह हमारे सैनिकों और वर्कर्स के दृढ़ संकल्प को श्रद्धांजलि भी है.”

ब्रिगेडियर श्रीवास्तव ने कहा, “यह CDFD रोड से जुड़ने वाली एक लेटरल रोड है. हमारे पास पहले से ही 2 लेटरल रोड हैं. हम अपने सैनिकों और नागरिकों को बेहतर कनेक्टिविटी मुहैया कराने के लिए और भी लेटरल रोड पर काम कर रहे हैं.”

बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन का कहना है, “पिछले 12 से 14 सालों में, सीमा संपर्क को लेकर हमारे दृष्टिकोण में एक बड़ा बदलाव आया है. पहले, जनसंख्या केंद्रों को एक ही धुरी के जरिए जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया जाता था. लेकिन अब, हम एक ब्रेडेड नेटवर्क का निर्माण कर रहे हैं. ऐसे में यह जरूरत पड़ने पर रणनीतिक गतिशीलता को बनाए रखने में न सिर्फ मददगार साबित होगा बल्कि पूरे क्षेत्र के समग्र विकास में भी सहायक होगा.”

पर्यटन के लिए भी एक नया क्षेत्र

इस महत्वाकांक्षी सड़क के पूरा होने से साहसिक यात्रियों के लिए लुभावने और दूरस्थ हिमालयी परिदृश्य खुलेंगे. न्योमा-हान्ले-लिकारू-मिग ला-फुक्चे रूट (NyomaHanleLikaruMig LaFukche route), रेज़ानला वॉर मेमोरियल से होकर गुजरता है और सिंधु घाटी की ओर जाता है. यहां का मनोरम दृश्य और रोमांचकारी ऊंचाई ड्राइविंग के शौकीनों को नई धार देगा. यह क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा. इस सड़क का सामरिक, नागरिक और आर्थिक, दोनों तरह से अहम है. हालांकि यह सड़क खूबसूरत है, लेकिन यह कमजोर दिल वालों के लिए नहीं. लेकिन जो हिम्मत करते हैं, उनके लिए यहां की यात्रा अविस्मरणीय होगी.

ऐसे में कहा जा सकता है कि मिग ला सिर्फ एक पास नहीं है बल्कि यह देश के सीमावर्ती बलों के जज्बे, उसके इंजीनियरों के कौशल तथा सीमाओं से आगे बढ़ने वालों के साहस को श्रद्धांजलि है. दुनिया के सबसे ऊंचे मोटरेबल दर्रे के रूप में, मिग ला राष्ट्रीय गौरव, सामरिक शक्ति और साहस का एक नया प्रतीक है.

टीवी9 नेटवर्क का सहयोगी न्यूज9 अकेला ऐसा न्यूज नेटवर्क है जो अगस्त 2023 में इस अहम सड़क के शिलान्यास समारोह और अब, एक अक्टूबर को, (उल्लेखनीय उपलब्धि दुनिया के सबसे ऊंचे मोटरेबल पास, शक्तिशाली मिग ला पास तक पहुंचने) इसका साक्षी रहा है.

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