
अमेरिका में 7 साल बाद फिर लगा शटडाउन
अमेरिका में सरकारी कामकाज ठप हो गया है, जो 2018 के बाद पहली बार हुआ है. यह अमेरिका का 22वां शटडाउन है, जो फंडिंग बिल की संसद में मंजूरी न मिलने की वजह से शुरू हुआ. हर साल अमेरिकी संसद खर्च चलाने के लिए फंडिंग बिल पास करती है, लेकिन इस बार रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों पक्ष इस पर सहमत नहीं हो पाए. इस वजह से सरकार के कई विभागों को अपना काम जारी रखने के लिए जरूरी फंड नहीं मिला और शटडाउन लागू हो गया. US के सरकारी कार्यालय के अनुसार,पिछली बार सबसे लंबा शटडाउन 22 दिसंबर 2018 से 25 जनवरी 2019 तक चला था, यानी कुल 35 दिन.
शटडाउन का सीधा असर इकोनॉमी पर
शटडाउन की वजह से अमेरिकी सरकार को अपने लगभग 20 लाख सरकारी कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसा नहीं मिलेगा. इन कर्मचारियों को जबरन छुट्टी पर भेजा जाएगा और सरकारी कामकाज ठप हो जाएगा. कई सरकारी विभाग और संस्थान अस्थायी रूप से बंद हो जाएंगे. इस दौरान केवल जरूरी एजेंसियां ही काम करेंगी, जैसे कि कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली संस्थाएं.
एयरपोर्ट और एयरलाइन कंपनियां भी शटडाउन से प्रभावित होंगी. यात्रियों को कड़ी जांच और लंबी कतारों का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही लेबर डिपार्टमेंट अपनी मासिक बेरोजगारी रिपोर्ट जारी नहीं करेगा, जिससे अमेरिका की इकोनॉमी पर बुरा असर पड़ेगा, इसके सा ही आर्थिक स्थिति का सही आंकलन मुश्किल हो जाएगा. सरकारी नौकरी के अवसर भी भारी गिरावट पर हैं. पिछले सप्ताह जॉब ओपनिंग में 87 फीसदी की कमी आई है.
शटडाउन के दौरान काम करते रहेंगे ये विभाग
कुछ विभाग जैसे सोशल सिक्योरिटी प्रशासन रिटायरमेंट और विकलांगता लाभ देना जारी रखेंगे, लेकिन उनके भी ज्यादातर कर्मचारी छुट्टी पर रहेंगे. मेडिकेयर और मेडिकेड जैसे स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत भुगतान जारी रहेंगे. अमेरिकी कृषि विभाग और डाक सेवा जैसे कुछ विभागों का काम प्रभावित नहीं होगा क्योंकि वे कांग्रेस की फंडिंग पर निर्भर नहीं हैं.
अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान होगा?
पिछली बार 2018-19 में आए शटडाउन से अमेरिका की अर्थव्यवस्था को लगभग 3 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था. इस बार भी अगर शटडाउन लंबा चलता है तो आर्थिक नुकसान और भी ज्यादा बढ़ सकता है. सरकारी खर्च में कटौती, कर्मचारियों की सैलरी न मिलने से उनकी खर्च करने की क्षमता घटेगी, जिससे बाजार में मंदी आ सकती है. इसके अलावा सरकारी कामकाज की रुकावट से विभिन्न क्षेत्रों में भी व्यवधान उत्पन्न होगा.