AI in education: AI आने वाले समय में हमारे एजुकेशन सिस्टम को पूरी तरह से बदल सकती है. हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन के एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले 30 सालों में AI न सिर्फ पढ़ाई के पारंपरिक तरीकों को बदल देगा, बल्कि छात्रों को सीखने का बिल्कुल नया अनुभव देगा. बुधवार को आयोजित आस्कविथ एजुकेशन फोरम में मशहूर मनोवैज्ञानिक हॉवर्ड गार्डनर और एआई विशेषज्ञ एंथिया रॉबर्ट्स ने शिक्षा पर एआई के प्रभाव पर अपने विचार रखे हैं.
मल्टी इंटेलिजेंस थ्योरी के जानकार गार्डनर ने कहा कि साल 2050 तक छात्रों को पढ़ना, लिखना, गणित और थोड़ी-बहुत कोडिंग जैसी बुनियादी बातें ही स्कूल में सीखनी होंगी. बाकी शिक्षा इस तरह होगी, जिसमें शिक्षक सिर्फ प्रशिक्षक की तरह मार्गदर्शन देंगे और छात्रों की रुचि के अनुसार उन्हें आगे बढ़ने के अवसर देंगे.
पारंपरिक पढ़ाई का मॉडल हो सकता है पुराना
गार्डनर ने यह भी कहा कि एआई शिक्षा में ऐतिहासिक बदलाव ला रहा है. उनके अनुसार, मन के कई संज्ञानात्मक कार्य जैसे अनुशासन, रचनात्मकता और विश्लेषण, अब एआई मशीनें आसानी से कर सकती हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नैतिकता और सम्मान जैसी मानवीय विशेषताओं को एआई कभी प्रतिस्थापित नहीं कर सकता.
शिक्षकों और छात्रों की नई भूमिका
हार्वर्ड लॉ स्कूल की विजिटिंग प्रोफेसर और एआई टूल ड्रैगनफ्लाई थिंकिंग की संस्थापक एंथिया रॉबर्ट्स ने कहा कि आने वाले समय में छात्रों को एआई के साथ टीमवर्क करना सीखना होगा, उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि छात्र एआई को गाइड करेंगे.
रॉबर्ट्स ने बताया कि एआई ने उनके खुद के शोध और काम करने के तरीके को बदल दिया है. अब वो जीपीटी, जेमिनी और क्लाउड जैसे बड़े एआई मॉडल्स के साथ लगातार संवाद करती रहती हैं.
प्रोफेसर मार्टिन वेस्ट ने चर्चा के दौरान बताया कि चैटजीपीटी पर की गई 10% से अधिक बातचीत टीचिंग या ट्यूशन से जुड़ी होती है, इसका मतलब है कि एआई पहले से ही शिक्षा का अहम हिस्सा बन रहा है.
मानवीय मूल्यों की ज़रूरत हमेशा रहेगी
विशेषज्ञों ने यह साफ किया कि एआई शिक्षा में चाहे कितना भी बड़ा बदलाव लाए, लेकिन इंसान के मूल मूल्य जैसे नैतिकता, आलोचनात्मक सोच और एक-दूसरे का सम्मान हमेशा ज़रूरी रहेंगे. गार्डनर ने कहा कि भविष्य में जब लोग इस दौर को देखेंगे तो इसे शिक्षा जगत का सबसे बड़ा परिवर्तन माना जाएगा. रॉबर्ट्स ने भी शिक्षकों को सलाह दी कि वो एआई के प्रयोग में संतुलन बनाएं, उन्होंने कहा कि हमें यह देखना होगा कि एआई को इस तरह उपयोग में लाया जाए कि यह छात्रों की आलोचनात्मक सोच और सीखने की क्षमता को और मजबूत बनाए, न कि सिर्फ उनका काम आसान करे.
चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति से पहले सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी और अपनी नई सरकारी जिम्मेदारियों के लिए तैयार रहना होगा. जिन अभ्यर्थियों का परिणाम अनंतिम है, उन्हें तय समय सीमा में अपने मूल दस्तावेज जमा करने होंगे ताकि उनका चयन पक्का हो सके. दस्तावेजों के सत्यापन के बाद संबंधित मंत्रालय उनकी पोस्टिंग, प्रशिक्षण और रिपोर्टिंग की जानकारी के साथ जॉइनिंग लेटर जारी करेगा.