प्रधानमंत्री होते तो पहलगाम हमले के बाद क्या करते? ओवैसी ने दिया जवाब, क्यों कहा- ऐसा मौका बार-बार नहीं आता

प्रधानमंत्री होते तो पहलगाम हमले के बाद क्या करते? ओवैसी ने दिया जवाब, क्यों कहा- ऐसा मौका बार-बार नहीं आता

असदुद्दीन ओवैसी

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पहलगाम आतंकी हमले के दौरान उनके प्रधानमंत्री होने की कल्पना की बात पर उन्होंने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मेरे भाई, ये ख्वाब देखने का मुझे शौक नहीं. मैं हकीकत से वास्ता रखता हूं और अपनी पहुंच की हद जानता हूं. हमारा मकसद सिर्फ सत्ता में बैठना या मंत्री बनना नहीं है. लेकिन, एक भारतीय नागरिक के तौर पर, मुझे कहना होगा कि पहलगाम के बाद हमारे पास पाकिस्तान को करारा जवाब देने का असली मौका था.

उन्होंने कहा कि यह रुका क्यों? मुझे सचमुच नहीं पता कि यह क्यों रुका… यह युद्ध जैसी स्थिति थी. अचानक ऑपरेशन रोक दिया गया. उन्होंने कहा कि भाई, जब पूरा देश निर्णायक जवाब देने को तैयार था, तो रुक क्यों गए? अब आप संसद में बैठकर पीओके हासिल करने की बात करते हैं.

ऑपरेशन सिंदूर रोका गया, खत्म नहीं हुआ

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर रोका गया है, ये खत्म नहीं हुआ. भारत ने इस साल 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम के पास आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या के बाद भारत की तरफ से सैन्य हमले किए थे. AIMIM प्रमुख ने हाल ही में पूरे हुए एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान पाकिस्तान के प्रति भारत के रवैये को लेकर भी केंद्र सरकार की आलोचना की. उन्होंने यह भी घोषणा की है कि AIMIM महाराष्ट्र में आगामी नागरिक चुनावों में हिस्सा लेगी.

आई लव मुहम्मद विवाद पर AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां हर समुदाय अपने धार्मिक पुरुषार्थों पर गर्व करता है. हम मुसलमानों के लिए पैगंबर मोहम्मद एक बहुत महत्वपूर्ण हस्ती हैं. अनुच्छेद 25 मुझे धर्म की आज़ादी देता है. यदि कोई हिंसा की सोच रखता है या कर रहा है, तो वह गलत है. यदि कोई अपने धर्म की पूजा करने वाले व्यक्ति के बारे में ऐसा कहे, तो यह गलत नहीं है. भारत ऐसा देश है जिसमें कोई एक धर्म नहीं है, लेकिन BJP और RSS मानते हैं कि इन्हें सिर्फ एक धर्म ही स्वीकार है. संविधान कहता है कि यह देश किसी धर्म का नहीं है.

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