
जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी
देश में इन दिनों I Love Mohammad का मुद्दा गरमाया हुआ है. उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुरू हुआ ये मामला देश के कई राज्यों में फैल गया. महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश में इसको लेकर बवाल मचा हुआ है. इ, बीच जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि ‘पैगंबर की शान और प्रशंसा में नारों और पोस्टरों पर कार्रवाई घोर अन्याय है.
मौलाना महमूद असद मदनी ने I Love Mohammad जैसे नारों और पोस्टर्स पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्रवाइयों को घोर अन्याय बताते हुए चिंता जाहिर की. उन्होंने मुस्लिम समुदाय पर की जा रही पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है. उनका कहना है कि मुसलमान, पैगंबर मोहम्मद से प्रेम, आज्ञा पालन और अनुसरण के परिणामस्वरूप ही अल्लाह की खुशी हासिल करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर अल्लाह की प्रेम-दृष्टि हमें मिलती होती है, तो वह केवल पैगंबर मोहम्मद के माध्यम से ही मिलती है.
‘पैगंबर के बिना मुसलमान का सब कुछ अधूरा’
मदनी ने कहा कि पैगंबर के बिना मुसलमान का सब कुछ अधूरा है. इसलिए मुसलमान इस संबंध में हर तरह का बलिदान देने से पीछे नहीं हटता. हालांकिमौलाना मदनी ने इस तथ्य की ओर भी ध्यान दिलाया कि इस्लाम के मानने वालों की वास्तविक जिम्मेदारी यह है कि वह पैगंबर मोहम्मद को अपने जीवन का आदर्श और मार्ग दर्शक बनाएं और उनके व्यक्तित्व को किसी भी प्रतिक्रिया या विरोध का विषय न बनाया जाए.
‘पैगंबर मोहम्मद का संदेश सबके लिए समान’
उन्होंने कहा कि यह आप (पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के सम्मान और पवित्रता के लिए भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि अल्लाह ने पैगंबर मोहम्मद को करुणा और प्रेम का स्रोत बनाया है. पैगंबर मोहम्मद का संदेश सार्वभौमिक है और सबके लिए समान रूप से पवित्र है.
मौलाना मदनी की यूपी सरकार से मांग
मौलाना मदनी ने उत्तर प्रदेश सरकार से जोरदार मांग की है कि जनभावनाओं और धार्मिक पेशवाओं का सम्मान किया जाए. उनका कहना है कि केवल नारों और पोस्टरों के आधार पर लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डालने के अन्यायपूर्ण कृत्य से बचा जाए. इसके साथ ही मदनी ने मुस्लिम युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वो धैर्य, विवेक, कानूनी एवं लोकतांत्रिक तरीकों के माध्यम से अपना पक्ष रखें और दुश्मनों के षड्यंत्रों और चालबाजियों से सतर्क रहें.