
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में RSS के बारे में पढ़ाया जाएगाImage Credit source: PTI
दिल्ली के स्कूली पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के बारे में पढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही वीर सावरकर, सुभाष चंद्र बोस और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसी विभूतियों के बारे में छात्रों को बताया जाएगा. मसलन, इनकी जीवन गाथा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. इस संबंध में तैयारियां पूरी कर ली गई है. अंतिम मंजूरी के बाद ये बदलाव स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा हो जाएगा.
आइए जानते हैं कि दिल्ली सरकार की प्लानिंग क्या है. RSS के बारे में छात्र क्या-क्या पढ़ेंगे. इसको लेकर तैयारियां क्या हैं.
राष्ट्रीय नीति कार्यक्रम के तहत बदलाव
दिल्ली सरकार अपने स्कूली पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय नीति कार्यक्रम के तहत ये बदलाव करने जा रही है. इसी कड़ी में RSS व स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में स्कूलों में पढ़ाया जाएगा. शिक्षा निदेशालय की इस पहल के तहत स्कूली छात्रों को वीर सावरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और सरदार वल्लभभाई पटेल सहित कई स्वतंत्रता सेनानियों पर विशेष पाठ शामिल होंगे. साथ ही RSS की उत्पत्ति, इतिहास, विचारधारा और उसके कार्यकर्ताओं की प्राकृतिक आपदाओं व स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका पर जानकारी दी जाएगी.
जानकारी के मुताबिक नए पाठ्यक्रम में साल 1925 में नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित RSS के इतिहास, सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा व सामाजिक उत्तरदायित्व पर भी जोर रहेगा.
इसके अतिरिक्त, अनसुने नायक खंड में छात्रों को वीर सावरकर, सुभाष चंद्र बोस और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसी विभूतियों के बारे में बताया जाएगा.
SCERT देगा शिक्षकों को ट्रेनिंग
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पाठ्यक्रम में बदलाव की रूपरेखा तैयार कर ली गई है. इसी कड़ी में शिक्षकों के लिए हैंडबुक तैयार की जा चुकी है. तो वहीं SCERT शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग सेशन आयोजित करेगा. हालांकि किन कक्षाओं के छात्रों के लिए ये नया पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा, इस पर अंतिम निर्णय अभी होना बाकी है.
RSS के 100 साल
दिल्ली के सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में RSS को शामिल करने का फैसला उस समय लिया गया है, जब RSS अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने वाला है. असल में 1925 विजयदशमी के दिन ही RSS की स्थापना हुई थी. इस साल 2 अक्टूबर को विजयदशमी है. ऐसे में अगले साल को RSS के शताब्दी वर्ष के तौर पर मनाया जाएगा.
ये भी पढ़ें– एकलव्य आवासीय स्कूलों में भर्ती के बदले नियम, अब भाषा नहीं बनेगी बाधा, जानें और क्या हुए बदलाव