टैरिफ के बाद H-1B वीजा की मुश्किलों से भी निपट लेगा भारत, इस अमेरिकी कंपनी ने जताया भरोसा

टैरिफ के बाद H-1B वीजा की मुश्किलों से भी निपट लेगा भारत, इस अमेरिकी कंपनी ने जताया भरोसा

टैरिफ और वीजा मुश्किलों के बावजूद भारत मजबूत!

जेपी मॉर्गन के एशिया-पेसेफिक प्रमुख, शोर्ड लीनार्ट ने कहा है कि दुनिया की मुश्किल आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद भारत निवेश के लिहाज से एक चमकता हुआ देश यानी ‘ब्राइट स्पॉट’ बना हुआ है. खासकर भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत है और यह निर्यात पर ज्यादा निर्भर नहीं है, इसलिए यह बाकी देशों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित स्थिति में है.

हाल ही में अमेरिका ने भारत पर भारी टैरिफ लगाया है लेकिन लीनार्ट का मानना है कि भारत इस टैरिफ के झटकों को झेल सकता है और आर्थिक रूप से खुद को मजबूत बनाए रखेगा. उन्होंने कहा कि भारत की मजबूत घरेलू मांग और विविधता इसे आगे बढ़ने में मदद करेगी.

H-1B वीजा में बदलाव और उसका प्रभाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में H-1B वीजा के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिसमें अब इस वीजा के लिए 100,000 डॉलर का नया शुल्क भी देना होगा. यह वीजा खासकर भारतीय पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारतियों का इस वीजा पर 70% से ज्यादा हिस्सा है. लीनार्ट ने कहा कि हालांकि यह नियम कुछ चुनौतियां ला सकता है, पर यह अच्छी बात है कि मौजूदा H-1B वीजा धारकों को इससे नुकसान नहीं होगा. इसके अलावा इस बदलाव का पूरा असर अभी स्पष्ट नहीं है.

ट्रंप के इस नियम का मकसद अमेरिकी नौकरियों को बचाना है, लेकिन इसके उलटे इससे अमेरिकी कंपनियों की लागत बढ़ सकती है और उन्हें भारत जैसे देशों में अपने तकनीकी केंद्र बढ़ाने के लिए मजबूर कर सकती है. भारत में कई ग्लोबल टेक्नोलॉजी और वित्तीय कंपनियां अपने केंद्र बढ़ा रही हैं, जो भारत की प्रतिभा और लागत लाभों का फायदा उठा रही हैं.

जेपी मॉर्गन का भारत में बढ़ता विश्वास

लीनार्ट ने बताया कि जेपी मॉर्गन ने भारत में अपनी उपस्थिति और कर्मचारियों की संख्या दोनों में पिछले दो सालों में 20% की बढ़ोतरी की है. बैंक यहां निवेश बैंकिंग, कॉर्पोरेट बैंकिंग, एसेट मैनेजमेंट, पेमेंट और सिक्योरिटी सर्विसेज प्रदान करता है. मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद में इसके बड़े कॉर्पोरेट केंद्र हैं, जो तकनीकी और व्यावसायिक संचालन में मदद करते हैं.

इसके अलावा, जेपी मॉर्गन की M&A प्रमुख अनु अयंगर ने बताया कि भारत में इस साल शुरू होने वाले IPO (प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम) की संख्या किसी भी दूसरे देश से ज्यादा हो सकती है. इससे पता चलता है कि भारत की शेयर बाजार में निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है और यह एक उभरता हुआ बाजार है.