
Vinayak Chaturthi 2025 Date
Vinayak Chaturthi 2025: हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता माना गया है. किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी की आराधना के बिना अधूरी मानी जाती है. हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है, जिसे विनायक चतुर्थी कहा जाता है. इनमें से आश्विन मास की विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है. इस दिन व्रत रखते हैं, गणपति बप्पा की पूजा करते हैं और मोदक का भोग लगाते हैं. ऐसा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
आश्विन मास विनायक चतुर्थी 2025 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है.
आश्विन, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ – सुबह 07:06, सितंबर 25
आश्विन, शुक्ल चतुर्थी समाप्त – सुबह 09:33, सितंबर 26
इस बार व्रत और पूजन 25 सितंबर 2025, बृहस्पतिवार को किया जाएगा.
पूजन का समय सुबह 11:00 से दोपहर 01:25 बजे तक रहेगा.
विनायक चतुर्थी का महत्व
- विनायक चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि, ज्ञान तथा समृद्धि का देवता माना जाता है.
- इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं और घर-परिवार में सुख-शांति आती है.
- विशेष रूप से इस दिन मोदक का भोग लगाने का महत्व है क्योंकि यह गणेश जी का प्रिय प्रसाद है.
विनायक चतुर्थी व्रत विधि
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- घर के पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और गणेश जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें.
- गणेश जी को लाल वस्त्र, दूर्वा घास, सिंदूर और फूल अर्पित करें.
- धूप-दीप जलाकर गणेश जी की पूजा आरंभ करें.
- व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन उपवास करें.
- शाम के समय गणेश जी की आरती और कथा का पाठ करें.
- व्रत पूरा होने पर प्रसाद (मोदक, लड्डू, फल) का सेवन करें और परिवार में बाँटें.
पूजा के दौरान ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का 108 बार जाप करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. मंत्र का जाप करना विशेष फलदायी माना जाता है.
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