
आईटी स्टॉक्स
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने भारतीय आईटी कंपनियों को लेकर एक बड़ा अनुमान लगाया है. FE की एक रिपोर्ट के मुताबिक जेफरीज ने लार्जकैप सेक्टर में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और इंफोसिस को अपनी पसंदीदा कंपनियों में शामिल किया है. जेफरीज का मानना है कि ये दोनों कंपनियां अमेरिका के नए H-1B वीजा नियमों से आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर स्थिति में हैं.
H-1B वीजा नियमों का बड़ा असर
अमेरिका की ट्रंप सरकार ने 21 सितंबर से नए H-1B वीजा आवेदनों पर $100,000 का नया शुल्क लगाया है. ब्रोकरेज फर्म ने बताया कि इस बदलाव के असर को समझने और एडजस्ट करने के लिए IT कंपनियों के पास लगभग 4-5 साल का समय है. जेफरीज का कहना है कि इंफोसिस और कुछ अन्य कंपनियों के पास H-1B वीजा पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है, इसलिए इन्हें इस बदलाव का असर ज्यादा दिखेगा.
TCS और इंफोसिस को लेकर जेफरीज की राय
जेफरीज ने TCS को होल्ड रेटिंग दी है और इसका 12 महीने का टारगेट प्राइस 3,230 रुपये बताया है, जो वर्तमान स्तर से लगभग 2% ऊपर है. वहीं, इंफोसिस के शेयर की कीमत अगले साल 1,750 रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जो करीब 13% की बढ़त दर्शाता है. HCL टेक्नोलॉजीज के लिए भी ब्रोकरेज ने 1680 रुपये का लक्ष्य रखा है और इसे खरीदने की सलाह दी है.
कमाई पर पड़ेगा असर
भारतीय आईटी कंपनियों की कमाई का बड़ा हिस्सा H-1B वीजा पर काम करने वाले कर्मचारियों की वजह से आता है. हर ऑनसाइट कर्मचारी से कंपनियां लगभग $150-200 हजार सालाना कमाती हैं, जिसमें से 10% यानी $15-20 हजार प्रॉफिट होता है. नया $100,000 शुल्क कर्मचारियों की आय का पांच से छह साल का लाभ समेटने जैसा है. इसलिए, कंपनियां भविष्य में H-1B वीजा के इस्तेमाल को कम कर सकती हैं.
H-1B कर्मचारियों की संख्या कम होने से आईटी कंपनियां अब स्थानीय कर्मचारियों या सब-कॉन्ट्रैक्टिंग की ओर रुख कर सकती हैं. इसके अलावा, वे मेक्सिको, कनाडा और भारत जैसे देशों से भी हायरिंग कर सकती हैं. हालांकि, स्थानीय हायरिंग के लिए लागत ज्यादा हो सकती है जिससे मुनाफे पर असर पड़ेगा.
आईटी सेक्टर की भविष्य की चुनौतियां
जेफरीज का मानना है कि इस बदलाव के कारण आईटी कंपनियों को ऑपरेशनल मॉडल में बदलाव करना पड़ेगा. वेतन बढ़ोतरी और एआई टेक्नोलॉजी से जुड़ी चुनौतियां भी विकास की रफ्तार धीमी कर सकती हैं. इसके चलते आईटी कंपनियों के मुनाफे में 4% से 13% तक की गिरावट आ सकती है.