15 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर ये कहा था कि ‘मैं इस दिवाली एक शानदार तोहफ़ा देने जा रहा हूं. पिछले आठ सालों में, हमने जीएसटी में बड़े सुधार किए हैं और टैक्स सिस्टम को सरल बनाया है. अब, समीक्षा का समय आ गया है. हमने यह किया है, राज्यों के साथ चर्चा की है, और जीएसटी सुधारों की अगली पीढ़ी ला रहे हैं’. अब वो वादा तोहफे की सूरत में सामने आ गया है. सोमवार यानी आज से जीएसटी के पहले के चार स्लैब के बजाय केवल दो प्राइमरी स्लैब . इसके अतिरिक्त, कुछ लग्जरी और सिन प्रोडक्ट्स पर एक हाई स्लैब लागू होगा, जैसा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को घोषणा की थी.
जीएसटी को आठ साल पहले लागू किया गया था, जिसमें एक्साइज ड्यूटी जैसे केंद्रीय करों और वैट जैसे राज्य शुल्कों को मिलाकर एक टैक्स बनाया गया था. इससे पहले, जीएसटी में चार स्लैब – 5%, 12%, 18% और 28% थे. साथ ही राज्य के रेवेन्यू घाटे की भरपाई के लिए ऑटोमोबाइल, तंबाकू, वातित पेय, कोयला और लिग्नाइट जैसी वस्तुओं पर सेस भी लगाया गया था. जीएसटी 2.0 के तहत, सिस्टम को 5 फीसदी और 18 फीसदी के केवल दो स्लैब तक सरल कर दिया गया है, जबकि लग्जरी और सिन प्रोडक्ट्स पर बिना किसी सेस के सीधे 40 फीसदी टैक्स लगेगा.
अधिकांश वस्तुएं जिन पर 12 फीसदी और 18 फीसदी टैक्स लगता था, अब 5 फीसदी स्लैब में आ गई हैं या उन्हें पूरी तरह से जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है. साथ ही 28 फीसदी स्लैब वाली कई वस्तुएं अब 18 फीसदी या 40 फीसदी के दायरे में आ गई हैं. सोमवार से, डेली यूज के सामान जैसे मिल्क प्रोडक्ट्स, मुख्य खाद्य पदार्थ, कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, हेल्थ सर्विस, एजुकेशन और यहाँ तक कि कृषि प्रोडक्ट्स भी सस्ते हो जाएंगे.
वैसे तो हम उन सामानों तमाम सामानों और सेक्टर्स का जिक्र पहले ही कर चुके हैं, जिनपर टैक्स कम होने जा रहा है और सामान सस्ते होने जा रहे हैं. लेकिन उन प्रोडक्ट्स का जिक्र करना भी काफी जरूरी है, जो पूरी तरह से टैक्स के दायरे से बाहर हो जाएंगे. इसका मतलब है कि पेंसिल-शार्पनर से लेकर पराठा-खाखरा वो कौन कौन से सामान है, जिन पर बिल्कुल भी टैक्स नहीं लगेगा आइए आपको भी बताते हैं…
फूड प्रोडक्ट्स अब नहीं लगेगा टैक्स
आज यानी सोमवार से घरों में रोजाना इस्तेमाल होने वाले कई फूड प्रोडक्ट्स पर से जीएसटी नहीं होगा. अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (UHT) दूध, पहले से पैक और लेबल वाला छेना या पनीर, और सभी भारतीय ब्रेड जैसे चपाती, रोटी, पराठा, खाखरा और पिज्जा ब्रेड को जीएसटी से छूट दी गई है.
दवाइयां और हेल्थ सर्विसेज
हेल्थ सर्विस सेक्टर में, 33 जीवन रक्षक दवाइयां और औषधियां, जिन पर पहले 12 फीसदी जीएसटी लगता था, आज से टैक्स फ्री हो गई हैं. कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और पुरानी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली तीन अन्य विशेष दवाइयाँ, जिन पर पहले 5 फीसदी जीएसटी लगता था, अब जीएसटी के दायरे में है.सभी पर्सनल इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज, जिनमें फैमिली फ्लोटर प्लान और रीइंश्योरेंस शामिल हैं, पर 0 फीसदी जीएसटी लागू कर दिया गया है, जिससे वे परिवारों के लिए ज्यादा किफायती हो गई हैं.
एजुकेशन और स्टेशनरी भी जीएसटी फ्री
प्रैक्टिस बुक्स, ग्राफ बुक, लैबोरेटरी नोटबुक और नोटबुक बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले बिना कोटिंग वाले कागज और पेपरबोर्ड को भी जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है. अब स्टूडेंटस और स्कूलों को काफी राहत मिलने के आसार हैं. मैप, एटलस, वॉल मैप्स, ग्लोब आदि को भी जीरो जीएसटी के दायरे में डाला गया है. पेंसिल शार्पनर, रबड़, पेंसिल, क्रेयॉन, पेस्टल, ड्राइंग चारकोल और दर्जी की चाक, सभी को भी छूट दी गई है. इस राहत के तहत हाथ से बने पेपर और पेपरबोर्ड को भी शामिल किया गया है.
डिफेंस और एविएशन इंपोर्ट
आज यानी 22 सितंबर से नेशनल सिक्योरिटी और एविएशन से जुड़े सेक्टर्स में भी छूट भी लागू हो गई है. स्पेसिफिक डिफेंस और एयरोस्पेस प्रोडक्ट्स जैसे उड़ान गति और लक्ष्य गति सिम्युलेटर, मिसाइलों, रॉकेटों, ड्रोनों, मानवरहित जहाजों, सी-130 और सी-295MW जैसे सैन्य विमानों, गहरे जलमग्न जहाजों, सोनोबॉय और विशेष हाई परफॉर्मेंस बैटरीज के पुर्जों आदि के इंपोर्ट को भी आईजीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है.
हीरा प्रेस्ट ऑथराइजेशन के तहत 25 सेंट तक के छूट प्राप्त वस्तुओं और प्राकृतिक रूप से कटे और पॉलिश किए गए हीरों के तकनीकी दस्तावेजों के इंपोर्ट को भी जीएसटी के दायरे से बाहर किया गया है. प्रदर्शनियों के लिए लाई गई कलाकृतियां और प्राचीन वस्तुएं इस श्रेणी में शामिल हैं.