Navratri 2025 Mantra: नवरात्रि में मां दुर्गा को करें प्रसन्न, जानें हर दिन के लिए खास मंत्र और उनका महत्व

Navratri 2025 Mantra: नवरात्रि में मां दुर्गा को करें प्रसन्न, जानें हर दिन के लिए खास मंत्र और उनका महत्व

नवरात्रि 2025Image Credit source: unsplash

Navratri 2025 date: नवरात्रि का पावन पर्व मां दुर्गा को समर्पित है. यह नौ दिनों तक चलने वाला उत्सव है, जिसमें मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि का हर दिन किसी विशेष रूप के लिए समर्पित होता है और उसके अनुसार मंत्र का जाप करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है.आइए जानते हैं हर दिन के लिए खास मंत्र और उनका महत्व.

पहला दिन: मां शैलपुत्री

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जो कि पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं. वे प्रकृति और दृढ़ता का प्रतीक हैं. इनकी पूजा से व्यक्ति में स्थिरता और शक्ति का संचार होता है.

मंत्र: ‘ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः’

महत्व: यह मंत्र आपको जीवन में आने वाली हर बाधा से लड़ने की शक्ति देता है और मन को शांत रखता है.

दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है. यह तप, त्याग और संयम की देवी हैं. इनकी पूजा से व्यक्ति में वैराग्य और एकाग्रता आती है.

मंत्र: ‘ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः’

महत्व: इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति का मन एकाग्र होता है और वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होता है.

तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है. इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है. ये साहस और निडरता का प्रतीक हैं.

मंत्र: ‘ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः’

महत्व: यह मंत्र भय को दूर करता है और व्यक्ति को निडर बनाता है. यह नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने में भी सहायक है.

चौथा दिन: मां कूष्माण्डा

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्माण्डा की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इन्होंने अपनी हंसी से पूरे ब्रह्मांड की रचना की थी. ये आरोग्य और ऊर्जा की देवी हैं.

मंत्र: ‘ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः’

महत्व: इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है. साथ ही, यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी उत्तम है.

पांचवा दिन: मां स्कंदमाता

नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है, जो भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं. ये वात्सल्य और ममता का प्रतीक हैं.

मंत्र: ‘ॐ देवी स्कंदमात्रै नमः’

महत्व: यह मंत्र संतान प्राप्ति, पारिवारिक सुख और प्रेम के लिए बहुत शुभ माना जाता है.

छठा दिन: मां कात्यायनी

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. ये साहस, शक्ति और विजय की देवी हैं. माना जाता है कि इनकी पूजा से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं.

मंत्र: ‘ॐ देवी कात्यायन्यै नमः’

महत्व: इस मंत्र का जाप करने से विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान होता है और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है.

सातवां दिन: मां कालरात्रि

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है, जो कि दुष्टों का नाश करने वाली देवी हैं. ये अंधकार और अज्ञान का नाश करती हैं.

मंत्र: ‘ॐ देवी कालरात्र्यै नमः’

महत्व: यह मंत्र नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से बचाता है. यह व्यक्ति को आत्मविश्वास देता है और हर चुनौती का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है.

आठवां दिन: मां महागौरी

नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है, जो शांति, समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक हैं. इनकी पूजा से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है.

मंत्र: ‘ॐ देवी महागौर्यै नमः’

महत्व: इस मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख और शांति आती है. यह आर्थिक समृद्धि और मन की शुद्धि के लिए भी उत्तम है.

नवां दिन: मां सिद्धिदात्री

नवरात्रि के नौवें और अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है, जो सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली देवी हैं.

मंत्र: ‘ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः’

महत्व: यह मंत्र जीवन में सभी सिद्धियों और ज्ञान की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यह हर कार्य में सफलता दिलाता है.

नवरात्रि का महत्व

नवरात्रि हिन्दू धर्म में शक्ति, सामर्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है. यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है. इस दौरान किए गए उपवास, ध्यान और मंत्र जाप से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और शांति भी आती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.