विरोध और बड़ा होगा… फरहान अख्तर की फिल्म ‘120 बहादुर’ के टाइटल को लेकर विवाद, सड़क पर उतरे लोग

बॉलीवुड एक्टर और फिल्ममेकर फरहान अख्तर की अपकमिंग फिल्म ‘120 बहादुर’ को लेकर बवाल मचा हुआ है. गुरुग्राम में फिल्म के टाइटल को बदलने को लेकर यादव समुदाय के लोग एकजुट होकर धरने पर उतर गए हैं. यादव समुदाय के नेताओं ने फिल्म के टाइटल पर नाराजगी जाहिर करते हुए, उसको बदलने की मांग की है. उनकी मांग है कि फिल्म के टाइटल को ‘120 बहादुर’ से बदलकर ‘120 बहादुर अहीर’ कर दिया जाए.

फरहान अख्तर की फिल्म ‘120 बहादुर’ सच्ची घटना पर बनी फिल्म है. ये फिल्म 21 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. हालांकि, फिल्म के टाइटल में अहीर जोड़ने की मांग के चलते नेशनल हाईवे 48 में लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया है. हालांकि, मौके पर पुलिस वहां पहुंच गई और मामला संभालने की कोशिश की है. प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि उनके पूर्वजों ने देश के लिए कुर्बानियां दी हैं और फिल्म में किसी और चीज पर फोकस है.

लोगों ने की है मांग

उन्होंने कहा, यादव समाज आज यहां इकट्ठा हुआ है, हमें सरकार से कोई शिकायत नहीं है. हम तो बस फरहान अख्तर की फिल्म ‘120 बहादुर’ का विरोध कर रहे हैं. हमारे पूर्वजों ने देश के लिए बहुत कुछ कुर्बान किया है, लेकिन इस फिल्म में किसी और पर जोर दिया गया है. हमारी मांग है कि या तो फिल्म का नाम बदलकर ‘120 बहादुर अहीर’ कर दिया जाए, नहीं तो हम इस फिल्म को बॉयकॉट करेंगे, यह फिल्म यादवों के इतिहास को दबाने की कोशिश कर रही है.

प्रदर्शन लेगा बड़ा रुप

इसके अलावा प्रदर्शन में शामिल एक और शख्स ने कहा, “मैं अहीर रेजिमेंट का सदस्य हूं, ‘120 बहादुर’ का नाम बदलकर ‘120 वीर अहीर’ कर देना चाहिए. फिल्म में हमारे शहीदों का नाम होना चाहिए और फिल्म का अंत श्रद्धांजलि के साथ होना चाहिए, नहीं तो 26 अक्टूबर को यह विरोध प्रदर्शन और बड़ा रूप लेगा.”

सच्ची घटना पर बेस्ड

फिल्म की बात करें, तो ये 1962 की रेजांग ला की जंग पर बनी है, जिसमें फरहान अख्तर मेजर शैतान भाटी का रोल निभा रहे हैं. मेजर शैतान भाटी ने युद्ध के दौरान गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी सुरक्षित जगह पर जाने से इनकार कर दिया और अपनी आखिरी सांस तक लड़ते रहे थे. इस फिल्म को रजनीश घई ने डायरेक्ट किया है. रेजांग ला की जंग में 120 भारतीयों ने 3000 चीनी सैनिकों से युद्ध किया था. जानकारी के मुताबिक, ये 120 बहादुर 13वीं कुमाऊं रेजिमेंट के थे, जिसमें ज्यादातर हरियाणा के यादव सैनिक थे.