Himachal School Education: हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला, राज्य के सरकारी स्कूलों में लागू होगा CBSE पाठ्यक्रम

Himachal School Education: हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला, राज्य के सरकारी स्कूलों में लागू होगा CBSE पाठ्यक्रम

अगले सेशन से सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा.

Himachal School Education: हिमाचल प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए राज्य के सरकारी स्कूलों में सीबीएसई (CBSE) पाठ्यक्रम लागू करने का निर्णय लिया है. जिसके तहत अगले शैक्षणिक सत्र से पहले चरण में राज्य के 100 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को बोर्ड से संबद्ध किया जाएगा. उसके बाद अन्य स्कूलों में भी सीबीएसई पाठ्यक्रम को लागू किया जाएगा.

शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक पहले चरण में प्रदेश के 100 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को सीबीएसई से जोड़ा जाएगा. यह बदलाव अगले एजुकेशनल सेशन से लागू किया जाएगा. सरकार की योजना है कि हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक सरकारी स्कूल सीबीएसई से जुड़ा हो, ताकि प्रदेश के हर इलाके के छात्रों को सस्ती दरों पर गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सके.

क्या होगा फायदा?

इस फैसले के बाद अभिभावकों का मानना है कि इससे बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलेगी और उन्हें राज्य से बाहर जाकर महंगी पढ़ाई करने की जरूरत कम होगी. राज्य सरकार के मुताबिक इस पहल से हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) से जुड़े स्कूलों और सीबीएसई स्कूलों के बीच एक स्वस्थ प्रतियोगिता की भावना पैदा होगी.

इससे छात्रों और शिक्षकों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरणा मिलेगी. सीबीएसई पाठ्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है. यह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उपयोगी साबित होता है. इससे हिमाचल के छात्र उच्च शिक्षा और प्रोफेशनल करियर में ज्यादा मौके पा सकेंगे.

अलग से सब कैडर बनाने की तैयारी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बदलाव को लागू करने के लिए राज्य सरकार अलग से सब-कैडर बनाने की तैयारी में है. सरकार के मुताबिक, मौजूदा शिक्षक चाहें तो इसमें शामिल हो सकते हैं. प्रिंसिपल, शिक्षक और नॉन-टीचिंग स्टाफ की भर्ती मेरिट के आधार पर होगी. इसमें शैक्षणिक योग्यता, सांस्कृतिक गतिविधियों में भागीदारी और अन्य योग्यता को भी ध्यान में रखा जाएगा. इसके अलावा शिक्षकों और स्टाफ को प्रेरित करने के लिए प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन योजना भी शुरू होगी. इसमें आर्थिक और गैर-आर्थिक दोनों तरह के इनाम शामिल होंगे.

डे-बोर्डिंग मॉडल पर स्कूल

सीबीएसई से जुड़े सरकारी स्कूल डे-बोर्डिंग स्कूल की तरह काम करेंगे. यानी छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके विकास पर ध्यान दिया जाएगा. शिक्षा के साथ पोषण, खेल, कला, कौशल विकास, कमजोर छात्रों के लिए अलग से पढ़ाई, काउंसलिंग, करियर गाइडेंस, मेंटरिंग और कोचिंग जैसी सुविधाएं दी जाएंगी. सरकार ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर इन कामों के लिए एक्स्ट्रा पोस्ट भी बनाए जाएंगे.

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