Surya Grahan 2025: ग्रहण के दौरान क्यों नहीं सोना चाहिए, क्या कहते हैं शास्त्र और विज्ञान?

Surya Grahan 2025: ग्रहण के दौरान क्यों नहीं सोना चाहिए, क्या कहते हैं शास्त्र और विज्ञान?

ग्रहण में सोना क्यों मना?Image Credit source: freepik

Surya Grahan myths: आज साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और इसकी छाया भारत में आंशिक रूप से ही दिखाई देगी. ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जिसका धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से विशेष महत्व है जिसके दौरान कुछ नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है. इन्हीं में से एक नियम है कि ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए. लेकिन, क्या इसके पीछे सिर्फ धार्मिक कारण हैं या विज्ञान भी कुछ कहता है? आइए, इस लेख में जानते हैं.

ग्रहण क्या है?

ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो तब होती है जब कोई खगोलीय पिंड किसी दूसरे खगोलीय पिंड के प्रकाश को आंशिक या पूरी तरह से रोक देता है. सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता.

ग्रहण के दौरान क्यों नहीं सोना चाहिए?

धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताएं

भारतीय शास्त्रों में, ग्रहण को एक अशुभ काल माना गया है. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है.

नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव: शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के समय वायुमंडल में नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय हो जाती है. ऐसे में सोने से व्यक्ति पर इसका बुरा असर पड़ सकता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

पाप और दोष: कुछ धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि ग्रहण के दौरान सोने से व्यक्ति पाप का भागी बन सकता है. इस समय को पूजा-पाठ, जप और ध्यान के लिए सबसे उत्तम माना गया है. इसलिए, इस समय का सदुपयोग करने की सलाह दी जाती है.

स्वास्थ्य पर असर: ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण का प्रभाव हमारी मानसिक और शारीरिक स्थिति पर भी पड़ता है. इसलिए, इस दौरान आराम करने के बजाय सावधान रहने की जरूरत होती है.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

हालांकि, विज्ञान ने ग्रहण के समय सोने को लेकर कोई सीधा और ठोस प्रमाण नहीं दिया है, लेकिन कुछ वैज्ञानिक तर्क इस मान्यता से जुड़े हो सकते हैं.

सौर विकिरण में कमी

सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य की किरणें पृथ्वी तक पूरी तरह नहीं पहुंचतीं. यह शरीर की जैविक घड़ियों पर असर डाल सकता है और नींद के पैटर्न में बदलाव ला सकता है.

मानसिक और शारीरिक प्रभाव

ग्रहणकाल में हल्का डर, बेचैनी और अनजाने तनाव की अनुभूति होती है. ऐसे समय में सोने से व्यक्ति मानसिक रूप से अस्थिर हो सकता है.

ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए?

अगर आप धार्मिक मान्यताओं को मानते हैं, तो ग्रहण के समय सोने के बजाय इन कामों को करने की सलाह दी जाती है:

  • पूजा-पाठ और मंत्र जाप: इस दौरान पूजा-पाठ, मंत्रों का जाप, और ध्यान करना बहुत ही शुभ माना जाता है.
  • दान-पुण्य: ग्रहण के बाद स्नान कर दान-पुण्य करना चाहिए. इससे ग्रहण के दुष्प्रभाव कम होते हैं.
  • सावधानी: गर्भवती महिलाओं और बच्चों को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
  • भोजन न करें: ग्रहण के दौरान भोजन करने से बचना चाहिए.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.