रिश्तों से जानिए अपने ग्रहों की स्थिति, किससे खराब रिश्ते के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?

रिश्तों से जानिए अपने ग्रहों की स्थिति, किससे खराब रिश्ते के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?

रिश्ते और ग्रहों की स्थिति

Planets and relatives in astrology: हर ग्रह किसी न किसी रिश्ते से भी जुड़ा होता है. आपके जीवन में किस रिश्ते में संबंध अच्छे हैं और किसमें खराब, यह बात आपके ग्रहों की स्थिति पर भी निर्भर करती हैं. दूसरे शब्दों में कहे तो आप अपने जीवन में रिश्तों की स्थिति को समझकर अपने ग्रहों की स्थिति का भी पता लगा सकते हैं. अगर आपकी कुंडली में कोई ग्रह पीड़ित है या अच्छी स्थिति में नहीं तो इसका प्रभाव उस ग्रह से जुड़े रिश्ते पर भी पड़ेगा. आपका या उस रिश्ते से संबंधित व्यक्ति का व्यवहार आपके साथ खराब होगा. लेकिन आप अपनी समझदारी से उस रिश्ते में अपने व्यवहार को ठीक रखकर अपने ग्रह का स्थिति को सुधार सकते हैं. ग्रहों से संबंधित लोगों के साथ व्यवहार को अच्छा बनाने से ग्रह अधिक प्रसन्न रहते हैं. अगर कोई ग्रह आपकी कुंडली में अच्छी स्थिति में है और आप उस ग्रह से जुड़े रिश्ते में ईमानदार नहीं हैं, तो भी आप उस ग्रह की ऊर्जा को जाने-अनजाने में खराब कर लेते हैं.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी नवग्रहों का संबंध किसी न किसी रिश्ते से होता है. ज्योतिष में सूर्य पिता, चंद्र माता, मंगल भाई-बहन, बुध ननिहाल पक्ष, बृहस्पति ददिहाल पक्ष व संतान, शुक्र दाम्पत्य और शनि सेवक वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं. राहु ससुराल और केतु नाना पक्ष के रिश्तों से जुड़े होते हैं. चलिए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.

सूर्य

अगर आपकी कुंडली में सूर्य अच्छी स्थिति में न हो या पीड़ित हो तो सम्भव है आपके पिता से संबंध अच्छे न हो. या पिता के जीवन में कष्ट हों. पिता के प्रति सम्मानजन व सेवापूर्ण व्यवहार से आप अपनी कुंडली में सूर्य की स्थिति को सुधार सकते हैं. सूर्य बॉस का भी कारक ग्रह है.

चंद्र

चंद्रमा मां का कारक ग्रह है. कुंडली में चंद्रमा पीड़ित हो तो मां के जीवन में समस्या या आपके साथ मां का तालमेल अच्छा नहीं रहेगा. ऐसे में सब बातों को छोड़कर यदि मां का सम्मान भाव अपने मन रखेंगे तो आपका मन भी प्रसन्न रहेगा और कुंडली में चंद्रमा भी.

मंगल

मंगल को भाई का कारक माना गया है. यदि आपके भाई से संबंध अच्छे नहीं तो समझ लीजिए आपकी कुंडली में मंगल की स्थिति अच्छी नहीं है. भाई के प्रति स्नेह भाव और उसकी मदद करने से आप कुंडली में पीड़ित मंगल को ठीक रख सकते हैं.

बुध

बुध ग्रह को बुआ, बहन मौसी का कारक ग्रह माना गया है. कुंडली में बुध की स्थिति को ठीक बनाए रखने के लिए बुआ, बहनों से संबंध अच्छे और इन्हें उपहार देने से बुध ग्रह प्रसन्न रहते हैं. बुध को मित्रों का भी कारक माना गया है. यदि आपके मित्र आपको धोका देते हैं या उनसे आपकी पटती नहीं तो समझ लीजिए आपकी कुंडली में बुध ग्रह पीड़ित हैं. ऐसे में मित्रों का चुनाव सोच समझ कर करें. और खुद मित्रों को धोखा न दें.

गुरु

गुरु (बृहस्पति) ग्रह गुरुजन और वृद्धों का कारक ग्रह है. यदि आपका व्यवहार आपके गुरुजनों से अच्छा नहीं और आप वृद्धों के साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं करते तो इसका र्थ है कि आपका गुरु पीड़ित है. यदि गुरु कुंडली में अच्छी स्थिति में है लेकिन आपके व्यवहार आपके गुरुजनों और वृद्धों के साथ अच्छा नहीं तो आप अनजाने में अपने बृहस्पति ग्रह को खराब कर रहे हैं. इसलिए अपने गुरु ग्रह को अच्छा फलदायी रखने के लिए गुरुजनों व वृद्धों की सेवा करें.

शुक्र

शुक्र पत्नी व महिलाओं का कारक ग्रह है. यदि आप अपनी पत्नी का अपमान करते है और समाज में महिलाओं का सम्मान नहीं करते तो आप अपने शुक्र की ऊर्जा को खराब कर रहे हैं. शुक्र वैभवता व सम्पन्नता का भी कारक है. इसीलिए कहा जाता है, जिस घर में पत्नी का सम्मान नहीं वहां लक्ष्मी (वैभवता व सम्पन्नता) नहीं रहती.

शनि

शनि सेवक और न्याय का ग्रह है. अपके अधीन काम करने वाले लोग या घर के नौकर चाकर शनि का स्वरूप है. यदि आप इनका शोषण करते हैं तो आप अपने शनि को खराब कर रहे हैं. ऐसे में जब भी शनि की दशा या साढ़ेसाती का समय होगा आपको अपने कर्मों के अनुसार अवश्य फल मिलेगा. शनि के इसी न्याय के कारण लोग शनि से भय रखते हैं.

राहु

राहु को शूद्र ग्रह माना गया है. साफ सफाई का काम करने वाले लोग ग्रहों में राहु हैं. यदि आप साफ सफाई कर्मियों को गलत लाभ उठाते हैं उनसे कर्म करवाकर उन्हें भुगतान नहीं करते तो आप अपने राहु की ऊर्जा को दूषित कर रहे हैं. राहु को ठीक रखने के लिए सफाई कर्मियों को खुश रखिए. उनका शोषण न करें.

केतु

केतु ग्रह को आपके पूर्वजों या पित्रों से जोड़ा गया है. ननिहाल पक्ष भी है केतु. अपने पित्रों के प्रति आदर बाव रखने और उनके लिए दान पुण्य करने से केतु प्रसन्न रहता है.