
सर्वे में सामने आई बातImage Credit source: Freepik
Walton Family Foundation survey : अमेरिका के स्कूलों की हालत पर आया सर्वे लोगों की चिंता बढ़ाने वाला है. पढ़ाई-लिखाई को हमेशा देश की रीढ़ कहा जाता है, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में बच्चों की स्कूली पढ़ाई यानी K-12 एजुकेशन पर लोगों का भरोसा तेजी से कम हो रहा है. वॉल्टन फैमिली फाउंडेशन और गैलप के सर्वे में सिर्फ 35% लोगों ने कहा कि वह शिक्षा से संतुष्ट हैं.
ये आंकड़ा पिछले 20 सालों में सबसे कम है. पैरेंट्स अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर थोड़े पॉजिटिव दिखते हैं, लेकिन बड़े स्तर पर सिस्टम से परेशान भी हैं. वहीं, डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स के बीच शिक्षा को लेकर राय अलग-अलग है. आइए जानते कि सर्वे में अमेरिका के एजुकेशन सिस्टम को लेकर क्या कहा गया है?
क्या कहती है सर्वे की रिपोर्ट?
सर्वे के मुताबिक 1999 से शिक्षा पर जनता की राय ट्रैक करने के बाद इस बार का नतीजा सबसे खराब रहा. सर्वे में सिर्फ 7% लोगों ने कहा कि वह पूरी तरह से संतुष्ट हैं, जबकि 28% ने कुछ हद तक संतुष्ट बताया. वहीं बड़ी संख्या में लोग शिक्षा की गुणवत्ता, कोर्स और बदलते समय की जरूरतों से निराश दिखे.
क्या कहते हैं पैरेंट्स?
सर्वे में शामिल पैरेंट्स की राय आम जनता से थोड़ी अलग रही. लगभग 32% पैरेंट्स बच्चे की पढ़ाई से पूरी तरह खुश हैं और 42% ने कहा कि वह कुछ हद तक संतुष्ट हैं. लेकिन वहीं 23% पैरेंट्स ने असंतोष जताया. यानी पैरेंट्स अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर सकारात्मक हैं, लेकिन पूरे शिक्षा तंत्र को लेकर उनकी चिंता बनी हुई है.
राजनीतिक मतभेद की झलक
सर्वे के मुताबिक एक और फैक्ट सामने आया है. वह है पार्टी के आधार पर शिक्षा को लेकर नजरिया. डेमोक्रेट्स में 42% ने संतुष्टि जताई, जबकि रिपब्लिकन्स में यह आंकड़ा केवल 29% रहा. वहीं, इंडिपेंडेंट्स में 34% लोग संतुष्ट दिखे. इससे साफ है कि शिक्षा पर राजनीति का असर भी गहराई से हो रहा है.
भविष्य को लेकर डर
सर्वे में 73% अमेरिकियों और 64% पैरेंट्स ने कहा कि अमेरिकी K-12 शिक्षा गलत दिशा में जा रही है. सिर्फ एक तिहाई लोग मानते हैं कि स्कूल बच्चों को कॉलेज के लिए ठीक से तैयार कर रहे हैं, जबकि केवल 21% को लगता है कि स्कूल नौकरी के लिए सही स्किल दे रहे हैं.
क्यों घट रहा है भरोसा?
विशेषज्ञों के मुताबिक, पाठ्यक्रम को लेकर लगातार विवाद, टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल न हो पाना, बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य जरूरतें, अमीर-गरीब और शहरी-ग्रामीण के बीच परफॉर्मेंस का अंतर होने की वजह से शिक्षा में लोगों का भरोसा डगमगा रहा है. शिक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, हालात सुधारने के लिए बड़े बदलाव की जरूरत है.
इनमें टीचर्स को बेहतर ट्रेनिंग और सैलरी देना, पढ़ाई को समय के हिसाब से अपडेट करना, परिवार और समाज की भागीदारी बढ़ाना और सबसे अहम है कि सबके लिए बराबर क्वॉलिटी की शिक्षा उपलब्ध कराना है.
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