‘एक वैन` में साब नंगा बैठते` हैं, 6-6 वैनिटी वैन के अंदर क्या होता है काम

‘एक वैन` में साब नंगा बैठते` हैं, 6-6 वैनिटी वैन के अंदर क्या होता है काम

फिल्ममेकर संजय गुप्ता ने बॉलीवुड के बढ़ते कॉस्ट को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि आजकल कुछ सितारे सात वैनिटी वैन तक की मांग करते हैं। उन्होंने ये भी बताया कि हर वैन का क्या काम होता है। इसी बातचीत में उन्होंने ये भी कहा कि अमिताभ बच्चन एकमात्र इकलौते ऐसे फिल्म स्टार हैं जो आज भी अपने स्टाफ का खर्च खुद करते हैं और उनके लिए प्रड्यूसर्स को बिल नहीं देते हैं।

उन्होंने बॉलीवुड के कुछ स्टार्स की तारीफ भी की जिनमें अजय देवगन, ऋतिक रोशन जैसे नाम लिए। उन्होंने कहा कि इन एक्टर्स के पास लोगों की बड़ी फौज नहीं हैं, जिसमें इन दिनों कम से कम 30 लोग होते हैं। साइरस ब्रोचा के पॉडकास्ट पर संजय गुप्ता ने इंडस्ट्री के बारे में कई हैरान करने वाले किस्से शेयर किए। बता दें कि संजय गुप्ता इस इंडस्ट्री में करीब 40 साल से काम कर रहे हैं।

मिस्टर बच्चन, अजय देवगन और ऋतिक रोशन के लिए बोले
उन्होंने अपने टीनेज में एक असिस्टेंट के रूप में शुरुआत की थी और 1994 में फिल्म ‘आतिश: फील द फायर’ के साथ निर्देशन से शुरुआत की। उन्होंने इस बातचीत में कहा, ‘पुराने समय के सभी लोग, जिनमें मिस्टर बच्चन, अजय देवगन और ऋतिक रोशन भी शामिल हैं, उनके पास सिर्फ एक मेकअप मैन और एक स्पॉट बॉय होता है। प्रड्यूसर्स स्टाफ की लागत की शिकायत करते हैं और यह सही भी है। अचानक आपको लाखों रुपये देने पड़ रहे हैं।’

बताया उन 6 वैन में क्या-क्या काम होते हैं
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं कुछ एक्टर्स को जानता हूं जिनके पास 6 मेकअप वैन हैं। ये जरूरी है। पहली वैन उनकी पर्सनल जगह है। ये सच है, मैं बहुत सीरियस हूं। वहां साब नंगा बैठते हैं । फिर, उसके बगल में साब की दूसरी वैन है, वहां पे साब मेकअप और हेयर करते हैं। उसके बाजू में तीसरी वैन है जहां साब मीटिंग करते हैं। मेरी बात सुनो, एक चौथी वैन है, जिसमें उनका जिम है और वहां साब वर्क आउट करते हैं। मैंने कहा ठीक है। आपको एक बात पता होनी चाहिए, वर्क आउट वैन का मतलब है कि वो अपने ट्रेनर, अपने हेल्पर, वैन के ड्राइवर और वैन के रखरखाव वाले व्यक्ति को लाएंगे। एक वैन के लिए छह लोग हैं।

छठा वैन का होता है ये काम
ये पूरी कहानी बताते हुए संजय ने कहा, ‘पांचवां वैन, वहां साब खाना खाएगा, भूखा थोड़ी रहेगा? एक शेफ सेट पर रहता है और सारा दिन, वह बस ग्राम से खाना तौलता रहता है। वो पांचवीं वैन है। फिर एक छठी वैन है, वो इसलिए है कि अब उन पांच वैन का स्टाफ किधर बैठेगा?’

‘मैं बिल्कुल भी बढ़ा-चढ़ाकर नहीं कह रहा’
संजय यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि स्टार कपल की हालत तो और बदतर हैं, क्योंकि वे अलग वैन की मांग करते हैं। उन्होंने कहा, ‘सेट पर 11 वैन आती हैं। क्या वे घर पर साथ में खाना नहीं खाते? वे पति-पत्नी हैं और फिर भी उनके पास अलग किचन वैन है! मैं बिल्कुल भी बढ़ा-चढ़ाकर नहीं कह रहा। ये एक सच्चाई है।’

‘मिस्टर बच्चन आपको अपने स्टाफ को कभी भी सैलरी नहीं देने देते’
हालांकि, आज भी इंडस्ट्री में कुछ ऐसे कलाकार हैं जो ये सब नहीं करते और संजय गुप्ता ने उनका नाम गिनाया। उन्होंने कहा कि अमिताभ बच्चन एकमात्र ऐसे एक्टर हैं जो इन चलन में यकीन नहीं रखते। उन्होंने कहा, ‘मिस्टर बच्चन आपको अपने स्टाफ को कभी भी सैलरी नहीं देने देते। कुछ भी नहीं। न कोई दिहाड़ी, न कोई किराया। वह कहते हैं- ये मेरा स्टाफ है, प्रड्यूसर का नहीं है।’

अमिताभ का मेकअप मैन, उनका हेयर स्टाइलिस्ट, उनका ड्राइवर
संजय गुप्ता ने कहा, ‘उनका मेकअप मैन, उनका हेयर स्टाइलिस्ट, उनका ड्राइवर, उनका लड़का… यही मिस्टर बच्चन हैं। लेकिन अब, दो या तीन लोगों की टीम 30 लोगों की टीम बन गई है।’ उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में, खासकर पिछले पांच सालों में फिल्म इंडस्ट्री में आई आर्थिक मंदी के बाद, कर्मचारियों के साथ काम करने की बढ़ती लागत एक बड़ी बहस का मुद्दा बन गई है। अब तक कई एक्टर्स, प्रड्यूसर्स और डायरेक्टर्स इस बारे में बात कर चुके हैं और बता चुके हैं कि ये चीजें फिल्मों के खर्च को कितना बढ़ा देती हैं।

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