श्मशान घाट में चिता पर लेटी` थीं महिला, दाह संस्कार की हो रही थी तैयारी, फिर अचानक…

श्मशान घाट में चिता पर लेटी` थीं महिला, दाह संस्कार की हो रही थी तैयारी, फिर अचानक…

Bhubaneswar: कभी-कभी ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जो सिर्फ चौंकाती ही नहीं, बल्कि जिंदगी की अनिश्चितता का भी एहसास कराती हैं. हाल ही में ओडिशा के पुरी में एक ऐसी घटना घटी जिसने सबको हैरान कर दिया. पुरी में 86 साल की एक महिला को मृत मान लिया गया, लेकिन अंतिम संस्कार से कुछ ही वक्त पहले वह ज़िंदा हो गईं. महिला का नाम पी. लक्ष्मी है और वह आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं. वह ओडिशा के गंजाम जिले के पोलासरा क्षेत्र में अपने दामाद के घर आई थीं. सोने के बाद जब वह नहीं जागीं तो परिवार वालों ने उन्हें हिलाकर-डुलाकर देखा, लेकिन जब कोई प्रतिक्रिया और सांस लेने का भी कोई संकेत नहीं मिला, तो परिवार वालों ने उन्हें मृत मान लिया. इसके बाद अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी, लेकिन आखिरी वक्त पर श्मशान में कर्मचारियों ने देखा कि वह जिंदा हैं.

महिला के परिवार के एक सदस्य धर्मा सेठी ने कहा, ‘क्योंकि उन्होंने आंखें नहीं खोलीं और सांस लेने का कोई संकेत नहीं था, इसलिए हमने समझा कि वह मर गईं हैं. हमने इलाके के लोगों को जानकारी दी और अंतिम संस्कार के लिए घर से शव को पुरी के स्वर्गद्वार श्मशान ले जाने के लिए गाड़ी का इंतज़ाम किया.’ लेकिन जब परिवार वाले अंतिम संस्कार की औपचारिकताएं पूरी कर रहे थे, तभी स्वर्गद्वार श्मशान के सुरक्षा गार्ड और अन्य कर्मचारियों ने देखा कि महिला सांस ले रही हैं और वो जिंदा हैं.

सिक्योरिटी गार्ड ने दी खबर
श्मशान के मैनेजर ब्रज किशोर साहू ने कहा कि अंतिम संस्कार करने के लिए तीन दस्तावेज़ जरूरी हैं, मृतक का आधार कार्ड, आवेदनकर्ता का आधार कार्ड और डेथ सर्टिफिकेट. लेकिन परिवार वाले मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं दिखा सके. साहू ने कहा, ‘हम उन्हें स्थानीय सरपंच या संबंधित अफसरों से मृत्यु प्रमाणपत्र (डेथ सर्टिफिकेट) लाने के लिए कह रहे थे, तभी हमारे एक सिक्योरिटी गार्ड ने देखा कि बुजुर्ग महिला सांस ले रही हैं.’

‘महिला की हालत नाजुक’
इसके बाद स्वर्गद्वार के कर्मचारियों ने एम्बुलेंस बुलाई और उसे पुरी हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां बुजुर्ग महिला का इलाज जारी है. हालांकि, इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा, ‘महिला की हालत गंभीर है. उसका दिल और गुर्दे काम कर रहे थे, लेकिन उसका दिमाग ठीक से काम नहीं कर रहा है.’

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