
Sadhvi Sanjananand GiriImage Credit source: Facebook
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में 13 जनवरी से लगने वाले महाकुंभ में निरंजनी अखाड़ा भी शामिल हो रहा है. इस अखाड़े की स्थापना 726 ईस्वी (विक्रम संवत् 960) में गुजरात के मांडवी में हुई थी. वर्तमान में निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी संजनानंद गिरि हैं. उन्हें ये उपाधि पीठाधीश्वर कैलाशनंद गिरि ने पट्टा पहनाकर दी थी. अखाड़ों में महामंडलेश्वर का पद सबसे बड़ा होता है. महामंडलेश्वर वहीं संत या साध्वी बन सकती है, जिसे वेदांत की शिक्षा आती हो.