
Thailand Shocking Story: थाईलैंड के उत्तरदित प्रांत से एक अजीब और दर्दनाक मामला सामने आया है. जहां एक आठ साल का बच्चा कुत्तों के झुंड के साथ पलते-पलते इंसानों जैसी भाषा भूल चुका है और अब सिर्फ भौंककर अपनी बात कहता है. यह बच्चा एक बेहद गंदी झोपड़ी में अपनी नशेड़ी मां और भाई के साथ रहता था. पुलिस और शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम ने जब छापा मारा तो बच्चे की हालत देखकर सब सन्न रह गए.
जानकारी के अनुसार बच्चा कभी स्कूल नहीं गया. उसकी मां केवल तब स्कूल लेकर गई थी जब सरकार से फ्री एजुकेशन के तहत पैसा लेना था. पैसा मिलते ही मां ने बच्चे को वापस उसी गंदगी और तन्हाई में छोड़ दिया, जहां उसके पास खेलने और बात करने के लिए सिर्फ घर के छह कुत्ते थे. समाज से पूरी तरह कट चुका बच्चा उन्हीं कुत्तों के बीच पला और धीरे-धीरे उनके जैसा व्यवहार करने लगा.
कहां से शुरू हुई कहानी?
बच्चे की मां भीख मांगती थी और अक्सर नशे की हालत में रहती थी. मोहल्ले वालों ने उसकी हरकतों से परेशान होकर अपने बच्चों को इस लड़के से मिलने तक मना कर दिया. इंसानी रिश्तों से दूर और अकेलेपन में डूबे इस मासूम ने कुत्तों को ही अपना परिवार मान लिया और उन्हीं की तरह रहना सीख लिया. नतीजा ये हुआ कि वह अब इंसानी भाषा समझ नहीं पाता सिर्फ भौंकता है.
अधिकारी पहुंचे तो क्या हुआ?
30 जून को जब पुलिस और अधिकारियों की टीम झोपड़ी में पहुंची तो मां और भाई दोनों का ड्रग टेस्ट पॉजिटिव निकला. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और बच्चे को तुरंत ‘उत्तारदित चिल्ड्रन होम’ भेजा गया, जहां उसकी देखरेख शुरू की गई है. बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी कार्यकर्ता पवीना होंगसाकुल ने बताया, “जब हमने उससे बात करनी चाही, तो वह सिर्फ भौंका… देख कर दिल टूट गया.”
फिलहाल बच्चा मानसिक और सामाजिक रूप से काफी कमजोर स्थिति में है. लेकिन पवीना ने भरोसा दिलाया है कि अब उसे एक नई जिंदगी दी जाएगी. सरकार ने उसे संरक्षण में लेकर इलाज, शिक्षा और पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह मामला केवल एक बच्चे की नहीं बल्कि उस सामाजिक लापरवाही की कहानी है जो बच्चों को जानवरों से भी बदतर हाल में जीने को मजबूर कर देती है.