35 साल बाद खुला’ कश्मीरी पंडित’! सरला भट्ट` हत्याकांड, SIA ने श्रीनगर में छापेमारी तेज की

35 साल बाद खुला’ कश्मीरी पंडित’! सरला भट्ट` हत्याकांड, SIA ने श्रीनगर में छापेमारी तेज की

करीब 35 साल पहले कश्मीर में आतंकवाद की भीषण लहर के दौरान हुई कश्मीरी पंडित सरला भट्ट की हत्या की जांच फिर से सक्रिय हो गई है। स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने श्रीनगर में इस मामले के संदिग्धों के ठिकानों पर छापे मारे हैं।

सरला भट्ट की कहानी

सरला भट्ट, जो 27 साल की नर्स थीं और शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में कार्यरत थीं, 16 अप्रैल 1990 की रात आतंकियों द्वारा जबरदस्ती अगवा कर ली गई थीं। अगले दिन उनका शव श्रीनगर के लाल चौक के पास सड़क पर मिला था। मौत से पहले उन्हें सामूहिक दुष्कर्म, बेरहमी से पीटा गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई। उनके शरीर को टुकड़ों में काटकर फेंक दिया गया था।

आतंकियों का गुस्सा

पुलिस के अनुसार, सरला का अपराध केवल इतना था कि उन्होंने आतंकवादी फरमानों को ठुकरा दिया था और अपने घर को छोड़ने से इनकार किया था। यही उनकी हत्या का कारण बना। आतंकियों ने लोगों को धमकी भी दी कि वे सरला के अंतिम संस्कार में शामिल न हों।

गिरिजा टिक्कू की दुखद घटना

सरला भट्ट के साथ-साथ एक अन्य कश्मीरी पंडित महिला गिरिजा टिक्कू की भी दहशतनाक हत्या की कहानी सामने आई है। गिरिजा, जो एक स्कूल में लैब असिस्टेंट थीं, 11 जून 1990 को अगवा कर ली गईं और महीनों तक उनके साथ जघन्य अत्याचार किए गए। अंततः उन्हें आरा मशीन से दो हिस्सों में काट दिया गया।

‘द कश्मीर फाइल्स’ में कहानी

गिरिजा की दर्दनाक कहानी हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ में भी दर्शाई गई है, जो उस दौर की बर्बरता और संघर्ष को बखूबी उजागर करती है।

जांच में तेजी

SIA इन दोनों मामलों की गहन जांच कर रही है ताकि न्याय दिलाया जा सके और उन कातिलों को सजा मिले जिन्होंने निर्दोष महिलाओं की जान ली।

निष्कर्ष

सरला भट्ट और गिरिजा टिक्कू की कहानी कश्मीर में उस दौर की सच्चाई और इंसाफ की लड़ाई को दर्शाती है। 35 साल बाद चल रही जांच से उम्मीद की जा रही है कि यह लंबित अपराध न्याय के दायरे में आएंगे।

(यह रिपोर्ट ऐतिहासिक व वर्तमान जांच की जानकारी पर आधारित है। न्यायिक प्रक्रिया की पुष्टि आधिकारिक स्रोतों से करें।)