
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने तमिलनाडु में एक बड़ी बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में छह स्थानों पर छापेमारी की है। यह मामला मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर दर्ज किया गया था और इस जांच को CBI की बेंगलुरु शाखा ने संभाला है।
धोखाधड़ी का मामला
FIR में आरोपित कंपनी का नाम मेसर्स पद्मादेवी शुगर लिमिटेड है, जो कांचीपुरम में स्थित है। इसके साथ ही दो अन्य कंपनियां, मैसर्स अप्पू होटल्स लिमिटेड और मैसर्स ओटियम वुड इंडस्ट्रीज, भी संदिग्ध लेन-देन में शामिल पाई गईं।
आरोपों की विस्तृत जानकारी
भारतीय ओवरसीज बैंक चेन्नई की शिकायत पर यह मामला दर्ज हुआ। आरोप है कि इस कंपनी ने बैंक से क्रेडिट सुविधाएं धोखाधड़ी के जरिए लीं और फंड का गलत इस्तेमाल किया। पैसे को बहन कंपनियों और असंबंधित संस्थाओं के बीच घुमाया गया, बिना ब्याज के निजी कंपनियों को एडवांस दिए गए, साथ ही नोटबंदी के वक्त संदिग्ध नकद जमा किए गए।
छापेमारी और सबूत
CBI ने चेन्नई, तेनकासी, तिरुचिरापल्ली आदि स्थानों पर छापेमारी की। आरोपित कंपनी के डायरेक्टर्स, अफसरों और संबंधित प्राइवेट कंपनियों के कार्यालयों और घरों से फंड डायवर्जन से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डेटा, और अन्य हस्ताक्ष्य बरामद किए गए।
जांच की गंभीरता
CBI का मानना है कि यह गिरोह बड़े पैमाने पर जालसाजी और संपत्ति के गबन में शामिल है, जिससे बैंक को बड़े वित्तीय नुकसान उठाने पड़े। एजेंसी जांच को और गहराई से कर रही है ताकि संपूर्ण नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।
निष्कर्ष
यह मामला भारत में बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी एवं जालसाजी की बढ़ती घटनाओं की चिंता और प्रभाव को दर्शाता है। CBI इस प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों में कड़ी कार्रवाई कर रहा है ताकि आर्थिक स्थिरता बनी रहे और जालसाजों को कानूनी दायरे में लाया जा सके।
(इस रिपोर्ट का उद्देश्य जागरूकता और सूचना देना है। कृपया अधिकृत स्रोतों से ही जानकारी लें।)