
भारत में आर्थिक स्थिरता को बिगाड़ने की साजिश रचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने किया है। नेपाल से भारत में जाली भारतीय नोटों की तस्करी के आरोप में मो. नजर सद्दाम, मो. वारिस, मो. जाकिर हुसैन और मुजफ्फर अहमद वानी उर्फ सरफराज के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है।
तस्करी का मामला
मोतिहारी पुलिस ने सितंबर 2024 में 1,95,000 रुपये के जाली नोट जब्त किए थे। जांच में सामने आया कि आरोपियों ने मिलकर नेपाल से भारत में जाली मुद्रा की तस्करी को अंजाम दिया और जाली नोटों की खरीद-फरोख्त के लिए धन और रसद की व्यवस्था की।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का गहरा संबंध
जानकारी मिली है कि मुजफ्फर अहमद वानी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ समन्वय में काम कर रहा था, जो भारत के आर्थिक तंत्र को कमजोर करने की साजिश में सक्रिय था।
NIA की कार्यवाही
मोतिहारी पुलिस ने अक्टूबर 2024 में आरोपपत्र दाखिल किया था, जिस पर दिसंबर 2024 में NIA ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली। एजेंसी अब इस गिरोह के अन्य नेटवर्क और संबंधों की पहचान और पर्दाफाश करने की कोशिश कर रही है।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा
NIA ने इस गिरोह को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया है। यह गिरोह आर्थिक प्रणाली को प्रभावित करने के लिए वैश्विक स्तर पर साजिश कर रहा था।
आगे की जांच
जांच एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि वह इस गिरोह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी और तस्करी से जुड़े सभी लोगों को कानून के कठोर दंड के दायरे में लाएगी।