
बेंगलुरु के सुंकदकट्टे इलाके में जय-वीरू सी दोस्ती एक दर्दनाक कहानी में बदल गई। विजय कुमार और धनंजय की दोस्ती बचपन से गहरी थी, लेकिन तीस साल से अधिक पुरानी दोस्ती के बीच एक महिला ने कदम रख दिया और दुनियाभर की खटास शुरू हो गई।
लव ट्रायंगल और रिश्तों में दरार
विजय ने आशा से शादी की थी और दोनों माछोहल्ली में थे। विजय बिजनेसमैन था जबकि आशा घर संभालती थी। समय के साथ विजय को शक हुआ कि उसकी पत्नी आशा का धनंजय के साथ अफेयर है। इस भरोसे के टूटने में विजय को रंगे हाथों पकड़ना पड़ा।
हत्या की साजिश
आशा और धनंजय ने मिलकर विजय को खत्म करने की योजना बनाई। माछोहल्ली के डी-ग्रुप लेआउट में विजय की लाश मिली। जांच में यह पता चला कि दो अज्ञात लोगों ने उस पर हमला किया था। पुलिस ने आशा को हिरासत में लिया, जबकि धनंजय अभी फरार है।
जांच और पुलिस की कार्यवाही
पुलिस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच कर रही है। धनंजय की तलाश जारी है। पुलिस को पूरा यकीन है कि इस प्रेम जाल की साजिश सामने आ जाएगी।
निष्कर्ष
यह मामला परिवार और दोस्ती के रिश्तों में आने वाले तनाव और धोखे की भयावह सच्चाई को दर्शाता है। रिश्ता चाहे कितना भी पुराना हो, विश्वास टूटने पर दिल टूट जाते हैं, और कभी-कभी अनहोनी भी हो जाती है। समाज में ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए जागरूकता और कड़ाई से कदम उठाने की जरूरत है।