भारत में रिटायरमेंट के’ बाद आरामदायक’! जिंदगी के` लिए होती है लगभग 3.5 करोड़ रुपये की जरूरत, जानिए रिपोर्ट

भारत में रिटायरमेंट के’ बाद आरामदायक’! जिंदगी के` लिए होती है लगभग 3.5 करोड़ रुपये की जरूरत, जानिए रिपोर्ट

नई दिल्ली: भारतीयों के लिए रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा और आरामदायक जीवन का सवाल हमेशा प्राथमिकता में रहता है। HSBC की एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में रिटायरमेंट के बाद लगभग 3.5 करोड़ रुपये की राशि होने पर ही व्यक्ति आरामदायक जीवन बिता सकता है। यह रकम कुछ बड़ी जरूर लगती है, लेकिन दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत में यह काफी किफायती मानी जाती है।

रिपोर्ट का सार

यह रिपोर्ट विभिन्न देशों में रिटायरमेंट के लिए आवश्यक धनराशि की तुलना करती है। भारत में यह रकम दुनिया के औसत से काफी कम है। इसके पीछे कारण है भारत में रहने के खर्चे कम होना और जीवनशैली में भिन्नता। वहीं, अन्य विकसित देशों में यह जरूरत बहुत ज्यादा होती है।

किफायत का मतलब

भारत में जहां मुश्किल से 3.5 करोड़ रुपये में आरामदायक जीवन बिताया जा सकता है, वहीं अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में इस रकम की तुलना कहीं ज्यादा बड़ी होती है। भारत में स्वास्थ्य सेवाओं और जीवन शैली के लगातर सुधार के बाद भी यह लागत दुनिया के कई देशों की तुलना में किफायती साबित होती है।

क्या आप तैयार हैं?

रिटायरमेंट के लिए आर्थिक रूप से तैयार रहने का सबसे अच्छा तरीका है बचत और निवेश। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि युवा अवस्था से ही पेंशन स्कीम, म्यूचुअल फंड, और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे विकल्प अपनाएं ताकि वे रिटायरमेंट में पूरा लाभ उठा सकें।

भारत में रिटायरमेंट की चुनौतियां

हालांकि यह रकम काफ़ी लगती है, लेकिन बढ़ती महंगाई, मेडिकल खर्चों का बढ़ना और जीवनशैली की बदलती जरूरतें नए रिटायरों के सामने चुनौतियां ला सकती हैं। इसलिए योजना बनाकर वित्तीय नियोजन अत्यंत आवश्यक है।

निष्कर्ष

एचएसबीसी की यह रिपोर्ट भारत में रिटायरमेंट के लिए आवश्यक धनराशि के संदर्भ में महत्वपूर्ण सनद देती है। जबकि यह आंकड़ा आपको सही दिशा देता है, पर जीवन की वास्तविक खर्चे हर व्यक्ति के लिए अलग भी हो सकते हैं। वित्तीय सलाहकार से सलाह लेकर अपनी योजना बनाना बुद्धिमानी होगी।

(यह लेख वित्तीय जागरूकता के लिए है। व्यक्तिगत निवेश योजना बनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूरी है।)