लीवर हमारे शरीर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है, जो पाचन तंत्र में मुख्य भूमिका निभाता है और शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने का काम करता है। स्वस्थ जीवन के लिए लीवर का ठीक से काम करना बेहद जरूरी है, क्योंकि जब तक हमारा लीवर स्वस्थ रहेगा, तब तक हम कई तरह की बीमारियों से दूर रह सकते हैं। लेकिन आज के बदलते खानपान और जीवनशैली की वजह से लीवर पर कई तरह का भार बढ़ जाता है, जिससे यह कमजोर होने लगता है। इसीलिए डॉक्टर नियमित रूप से सलाह देते हैं कि कम से कम हर 15 से 30 दिनों में एक बार अपने लीवर की सफाई अवश्य करें ताकि उसमें जमा विषैले तत्व निकल जाएं और यह स्वस्थ रहे।

लीवर की खराबी का समय पर इलाज न होने पर यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है और जानलेवा भी बन सकती है। लीवर कमजोर होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे शराब का अत्यधिक सेवन, मिर्च-मसाले ज्यादा खाना, खराब खानपान, औषधियों का गलत उपयोग और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं। लीवर की खराबी के लक्षणों में लीवर में दर्द, भूख कम लगना, चेहरे पर पीलापन और धब्बे, आँखों की सफेदी का पीले पड़ जाना, मुँह की बदबू, थकान, डार्क सर्कल, पाचन संबंधी दिक्कतें आदि शामिल हैं। लीवर की सूजन से खाना ठीक से पचता नहीं और शरीर के अन्य अंगों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाए तो समय के साथ यह समस्या विकराल रूप ले सकती है। इसलिए लीवर की स्वस्थ सफाई के लिए कुछ प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपाय बहुत कारगर साबित होते हैं। सबसे पहला उपाय है सेब का सिरका, जो रोजाना खाने के साथ लेना लीवर की सफाई में सहायक होता है। इसके अलावा किशमिश को पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट उसका पानी पीने से भी लीवर और किडनी दोनों साफ होते हैं, लेकिन डायबिटीज के मरीज इसका सेवन सावधानी से करें।
एक अन्य सरल उपाय है सुबह खाली पेट दो लहसुन की कलियाँ खाना और बाद में एक- दो गिलास गुनगुना पानी पीना। लहसुन में ऐसे तत्व होते हैं जो लीवर को स्वस्थ रखते हैं और गंभीर बीमारियों से बचाते हैं। इसके साथ शहद मिला गुनगुना पानी भी लीवर की सफाई में मदद करता है। नींबू भी लीवर के लिए फायदेमंद माना जाता है। खासतौर पर आधा नींबू (जिसमें काला नमक, काली मिर्च, सौठ और मिश्री डाली गई हो) गर्म करके सुबह खाने से लीवर की कार्यक्षमता बढ़ती है।
जामुन का सेवन भी लीवर की बीमारियों से राहत दिलाने वाला माना गया है। पके हुए जामुन को खाली पेट खाने से जिगर की समस्याएं कम होती हैं। वहीं यदि यकृत और प्लीहा बढ़े हुए हों तो हरड़ के छिलकों और गुड़ का चूर्ण बना कर दिन में दो बार हल्का गरम पानी के साथ लेने से फायदा मिलता है। यह उपाय पुरानी कब्ज, सरदी और अम्लपित्त में भी राहत देता है।
डॉक्टरों के अनुसार 15 से 21 दिन तक इन उपायों को अपनाने से लीवर की सफाई अच्छी होती है जिससे यकृत विकारों में सुधार आता है। यह उपाय लीवर की कठोरता और उससे जुड़ी पीड़ा को कम करता है। लिवर रोगों में आँखों का पीलापन, दाहिने कंधे के दर्द, अपच और मल संबंधी गड़बड़ी होना आम लक्षण हैं। शराब का अत्यधिक सेवन, अधिक मिठाई खाना तथा संक्रमण के कारण लीवर रोग हो सकते हैं। इसलिए स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखते हुए उचित खानपान और आयुर्वेदिक उपचार की मदद से लीवर को स्वस्थ रखना संभव है।
यदि आप भी अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहते हैं और लंबी उम्र पाना चाहते हैं तो अपने लीवर की नियमित सफाई करें। क्योंकि लीवर की सही देखभाल से न केवल पाचन बेहतर होता है बल्कि सारी बॉडी की कार्यप्रणाली भी सही रहती है।